वीर हनुमान अयोध्या की शान | रामभक्ति, वीरता और अटूट समर्पण का प्रतीक
“वीर हनुमान अयोध्या की शान” — यह पंक्ति हनुमान जी की उस अद्भुत महिमा को दर्शाती है जहाँ वे केवल शक्ति के प्रतीक नहीं, बल्कि अयोध्या और प्रभु श्रीराम की प्रतिष्ठा का आधार भी हैं। हनुमान जी का बल, बुद्धि और निष्ठा उन्हें संसार का सबसे आदर्श भक्त बनाती है। जब कोई भक्त अयोध्या नगरी का स्मरण करता है, तो हनुमान जी का पावन स्वरूप स्वतः मन में प्रकट होता है। यह पंक्ति हमें सिखाती है कि सच्चा वीर वही है जो सेवा, समर्पण और धर्म का पालन करता है — और हनुमान जी इन सभी गुणों के जीवंत रूप हैं।

चलो चलो हनुमान गढ़ी, बैठे हैं बजरंग बली,
तोडेंगे दुश्मन की नली, बैठे हैं बजरंग बली……
लाल लंगोटे वाले, वीर हनुमान हैं,
लाल लंगोटे वाले, वीर हनुमान हैं,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं,
लाल लंगोटे वाले, वीर हनुमान हैं,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं……
बजरंगी का हूँ मैं दीवाना, हरदम गाउँ यही तराना,
बजरंगी का हूँ मैं दीवाना, हरदम गाउँ यही तराना,
तेरा ही इस जीवन पर एहसान है,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं,
लाल लंगोटे वाले, वीर हनुमान हैं,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं….
तू मेरा मैं तेरा प्यारे, ये जीवन अब तेरे सहारे,
बजरंगी ही सब भक्तों की जान है,
बजरंगी ही सब भक्तों की जान है,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं,
लाल लंगोटे वाले, वीर हनुमान हैं,
हनुमान गढ़ी में बैठे, अयोध्या की शान हैं……
भाव से पूजा-विधि
- समय: मंगलवार और शनिवार उनकी पूजा हेतु श्रेष्ठ माने जाते हैं।
- स्थान: घर के मंदिर में या किसी शांत स्थान पर दीपक जलाएँ।
- सामग्री: लाल फूल, सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़-चना और रामनाम की माला।
- प्रारंभ: “जय श्रीराम” बोलकर मन को शांत करें, फिर “जय बजरंगबली” कहें।
- भक्ति:
भावपूर्वक इस पंक्ति को बोलें —
“वीर हनुमान अयोध्या की शान।”
साथ में हनुमान चालीसा या सुंदरकाण्ड का पाठ कर सकते हैं। - समापन: अंत में हाथ जोड़कर प्रार्थना करें —
“हे हनुमान जी, मुझे साहस, सेवा-भाव और सच्ची भक्ति का आशीर्वाद दें।”
इस भक्ति भाव के लाभ
- डर, भय और चिंता का नाश होता है।
- साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- रुके हुए कार्य बनने लगते हैं।
- घर-परिवार में सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- श्रीराम और हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
“वीर हनुमान अयोध्या की शान” यह पंक्ति हमें हनुमान जी की अद्भुत महिमा और उनके अटूट रामभक्ति स्वरूप का स्मरण कराती है। वे अयोध्या के संरक्षक, श्रीराम के सेवक और भक्तों के सच्चे रक्षक हैं। जब किसी के जीवन में संघर्ष आता है, तो हनुमान जी ही वह शक्ति बनकर खड़े होते हैं जो साहस और समाधान प्रदान करती है। उनके नाम का स्मरण ही मन को हल्का और जीवन को सुरक्षित बना देता है। वास्तव में, अयोध्या की शान हनुमान जी हैं और भक्तों का अभिमान भी।

