किस्मत को मेरी खोलो | भाग्य, उम्मीद और ईश्वर की कृपा की सच्ची पुकार
“किस्मत को मेरी खोलो” — यह पंक्ति उस मन की पुकार है जो मेहनत के बाद भी जीवन में अटके हुए रास्तों को खोलने के लिए दिव्य शक्ति की ओर देखता है। इंसान बहुत कुछ कर सकता है, पर कुछ क्षण ऐसे आते हैं जहाँ हम ईश्वर की कृपा के बिना आगे नहीं बढ़ पाते। यह वाक्य उसी आशा, विश्वास और विनती का प्रतीक है। यह पंक्ति हमें याद दिलाती है कि जब मन सच्चाई और निष्ठा से भगवान को पुकारता है, तो किस्मत की बंद राहें भी खुल जाती हैं। यह भाव मन में नया विश्वास जगाता है और जीवन को नई दिशा देता है।

किस्मत को मेरी खोलो,
मैं दास हूँ तुम्हारा,
दीनो के नाथ हो तुम,
बड़ा नाम है तुम्हारा,
किस्मत को मेरी खोलों,
मैं दास हूँ तुम्हारा….
तेरा ही हूँ दीवाना,
तेरी याद में भटकता,
तेरे ही नाम से ये,
दिल भी मेरा धड़कता,
अपना मुझे बना लो,
मैं दास हूँ तुम्हारा,
किस्मत को मेरी खोलों,
मैं दास हूँ तुम्हारा….
नैनो से मेरे बाबा,
झरना बरस रहा है,
नजदीक में जो आए,
सपना सा लग रहा है,
बिगड़ी मेरी बना दो,
मैं दास हूँ तुम्हारा,
किस्मत को मेरी खोलों,
मैं दास हूँ तुम्हारा…..
लिखता है पुष्प बाबा,
सेवक तेरा तिवारी,
राकेश तेरा गाए,
ये है कृपा तुम्हारी,
अपने ही रंग रंगा दो,
मैं दास हूँ तुम्हारा,
किस्मत को मेरी खोलों,
मैं दास हूँ तुम्हारा…..
किस्मत खोलने के लिए भक्ति-विधि
- समय: भोर का समय या गुरुवार/सोमवार विशेष शुभ माना जाता है।
- स्थान: घर के मंदिर या शांत कमरे में घी का दीपक जलाएँ।
- सामग्री: तुलसी पत्ता, फूल, धूप, दीप, शुद्ध जल, पीला वस्त्र।
- प्रारंभ: आँखें बंद कर तीन बार “हे प्रभु, मेरा मार्ग प्रशस्त करो” मन में कहें।
- भक्ति:
श्रद्धा से बोलें —
“किस्मत को मेरी खोलो…”
इसके साथ अपनी मनोकामना मन में रखें और 5–10 मिनट ध्यान करें। - समापन: ईश्वर से प्रार्थना करें —
“मेरे कर्मों को सही दिशा दो और मेरी मेहनत को सार्थक बनाओ।”
इस भाव से मिलने वाले लाभ
- मन में नई सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है।
- कठिन कामों में धीरे-धीरे सफलता मिलना शुरू होता है।
- भाग्य से जुड़ी रुकावटें कम होने लगती हैं।
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- कर्म और भक्ति का संतुलन बेहतर होता है।
निष्कर्ष
“किस्मत को मेरी खोलो” — यह पंक्ति हमें याद दिलाती है कि कभी-कभी जीवन में हमें सिर्फ भगवान की एक कृपा-नज़र की जरूरत होती है। जब मन सच्चाई और विश्वास के साथ ईश्वर को पुकारता है, तो अंधेरे रास्तों में भी उजाला दिखाई देने लगता है। यह भावना हमें मेहनत करने की शक्ति, संघर्ष का साहस और आगे बढ़ने का आत्मविश्वास देती है। सच में, जब भगवान साथ होते हैं, तो किस्मत के बंद दरवाज़े भी आसानी से खुल जाते हैं।

