बाढ़ के कारण स्नान घाट अव्यवस्थित,धर्माचार्यों ने व्रती महिलाओं को घर पर स्नान का आह्वान

बाढ़ के कारण स्नान घाट अव्यवस्थित,धर्माचार्यों ने व्रती महिलाओं को घर पर स्नान का आह्वान
ख़बर को शेयर करे

 प्रयागराज। हरतालिका तीज आज मंगलवार 30 अगस्‍त को है। भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि पर संयम, समर्पण व संस्कार की प्रतीक हरितालिका तीज मनाई जा रही है। इस पर्व पर दोपहर में गंगा के विभिन्‍न घाटों पर स्‍नान के लिए महिलाओं की काफी भीड़ जुटती है। इस बार बाढ़ के कारण स्‍नान घाट अव्‍यवस्थित हैं। ऐसे में वहां स्‍नान से खतरा भी है। ऐसे में प्रयागराज के धर्माचायों ने व्रती महिलाओं से घर पर ही स्‍नान का आह्वान किया है। हालांकि जल पुलिस की तैनाती स्‍नान घाटों पर कर दी गई है।

 अखंड सौभाग्य की प्राप्ति, पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं निर्जला रहकर भजन-पूजन में महिलाएं लीन हैं। शाम को भगवान शिव, माता पार्वती की स्तुति करके मनोवांछित फल प्राप्ति की कामना करेंगी। हर वर्ष संगम, गंगा व यमुना के पवित्र जल में दोपहर से स्नान आरंभ हो जाता था। स्नान करने के बाद व्रती महिलाएं घर आकर पूजन करती थीं। बाढ़ के कारण इस बार स्थिति भिन्न है। हर घाट पर अपेक्षा से अधिक पानी है। कीचड़ जमा होने से फिसलन है। इसे देखते हुए धर्माचार्यों ने व्रती महिलाओं से घर पर स्नान करने का आह्वान किया है।

माफी आश्रम पीठाधीश्वर स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी कहते हैं कि व्रत-पूजन में तन व मन पवित्रता होनी चाहिए। मन में सात्विक विचार रखें। तन की पवित्रता के लिए स्नान जरूरी है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए घर पर स्नान करना चाहिए। इससे पुण्य कम नहीं होगा।

 जगद्गुरु स्वामी घनश्यामाचार्य कहते हैं कि जिन व्रती महिलाओं को गंगा अथवा यमुना में स्नान की ज्यादा इच्छा है, वे आत्मसंतुष्टि के लिए नदी का गंगा जल लाकर पानी में डालकर उससे घर पर स्नान करें। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि शास्त्रों में पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है, लेकिन वो सामान्य स्थिति में करना चाहिए। नदियों का स्वरूप विकराल हाेने पर उससे दूरी बनाने की सलाह दी गई है।

इसे भी पढ़े   आगरा के केमिकल गोदाम में लगी आग, मची अफरा-तफरी

हर घाट की स्थिति खराब बाढ़ से पूरा संगम क्षेत्र जलमग्न है। गंगा किनारे स्थित रामघाट, त्रिवेणी, अक्षयवट काली, दशाश्वमेध, नागवासुकि, शिवकुटी, चिल्ला, सलोरी, बघाड़ा, द्रौपदी घाट पूरी तरह से डूबे हैं। वहीं, यमुना के गऊघाट, सरस्वती घाट, बलुआघाट, ककरहा घाट, सदियापुर घाट, करैलाबाग व बक्शी मोढ़ा घाट भी डूबे हैैं।

बाढ़ को देखते हुए संगम के पास त्रिवेणी बांध पर पुलिस ने बैरिकेडिंग करा दिया है। प्रशासन की ओर से नदियों में स्नान न करने की अपील की है। संगम के पास त्रिवेणी बांध स्थित घाटों, दशाश्वमेध समेत आधा दर्जन घाटों पर सुरक्षा के प्रबंध कर दिए गए हैैं। प्रभारी अधिकारी माघ मेला संत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जल पुलिस, पीएसी की बाढ़ राहत कंपनी के जवानों व गोताखोरों को तैनात कर दिया गया है। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री का कहना है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्रशासन की टीम पूरी तरह सतर्क है।

एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय का कहना है कि समस्त घाटों पर बाढ़ राहत पीएसी, जल पुलिस व गोताखोरों की ड्यूटी लगाई गई है। डीप वाटर बैरिकेडिंग की गई है।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *