पूर्व BSA जय सिंह पर करोड़ों का घोटाला साबित
विजिलेंस ने दर्ज किया मुकदमा

वाराणसी (जनवार्ता) । उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की लंबी जांच के बाद वाराणसी के पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) जय सिंह के खिलाफ फर्जी टेंडर, फर्जी बिल, वाहन हेराफेरी और आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विजिलेंस ने जय सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की है। सभी आरोपियों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी गई है।
जांच में सामने आया कि कंडम हो चुकी सरकारी जीप को कागजों में 230 दिन तक चलाने का झूठा दावा कर रोज 1000 रुपये की दर से कुल 2.30 लाख रुपये निकाल लिए गए। इसी तरह एक ट्रैक्टर को बोलेरो बताकर वाहन नंबर में हेराफेरी की गई और 1.28 लाख रुपये का फर्जी बिल पास कराया गया। बिना किसी टेंडर या अनुबंध के वाहनों के नाम पर भुगतान किया गया, जिसका पैसा मोहम्मद इकबाल के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। फर्जी विजिट, फर्जी बिल और गलत टेंडर के जरिए भी लाखों रुपये की निकासी की गई।
विजिलेंस ने यह भी पाया कि जय सिंह ने अपनी सेवा अवधि में कुल आय 1.05 करोड़ रुपये के मुकाबले 2.27 करोड़ रुपये खर्च किए। इस तरह उन्होंने 1 करोड़ 21 लाख 61 हजार 921 रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। स्पष्टीकरण के लिए कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन वे कभी जांच के सामने उपस्थित नहीं हुए।
मामले में जय सिंह के साथ सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी (सर्व शिक्षा अभियान) पवन कुमार वर्मा, तत्कालीन कर्मचारी अखिलेश सिंह, वाहन मालिक राजेंद्र द्विवेदी और मोहम्मद इकबाल को भी सह-अभियुक्त बनाया गया है।
विजिलेंस थाना (वाराणसी सेक्टर) के इंस्पेक्टर अखिलेश राय ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है और उनकी गिरफ्तारी बहुत जल्द होगी।
जय सिंह पहले भी कई विवादों में घिर चुके हैं। RTE कानून को ठीक से लागू न करने समेत अनेक शिकायतों के बाद उन्हें BSA पद से हटा दिया गया था। उनके बाद आए वर्तमान BSA राकेश सिंह भी इस समय खुद विजिलेंस जांच के दायरे में हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग में वर्षों से चल रही अनियमितताओं पर यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

