कासीदास का करहा पूजा: सदियों पुरानी परंपरा में डूबा गाँव

कासीदास का करहा पूजा: सदियों पुरानी परंपरा में डूबा गाँव

चौबेपुर (जनवार्ता)। स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्राम मुनारी में शनिवार को सदियों से चली आ रही अनूठी ‘करहा पूजा’ का आयोजन हुआ, जिसमें पूरा गाँव उमड़ पड़ा।जिसके ज़रिए वे अपने गाँव से बीमारियों और अनचाहे संकटों को दूर भगाने की प्रार्थना करते हैं।पूजा का नेतृत्व गाँव के पारंपरिक सुनील भगत , जिन्हें स्थानीय बोली में ‘कासीदास’ कहा जाता है, ने किया। इस दौरान कासीदास ने विशेष मंत्रोच्चारण और लोक गीतों के बीच एक मिट्टी के ‘करहा’ (बर्तन) की पूजा की। इस करहे में नीम की पत्तियाँ, जल और अन्य पवित्र सामग्रियाँ भरी गई थीं।
पूजा के अंत में, ग्रामीणों ने श्रद्धापूर्वक उस करहे को गाँव के बाहर एक चौराहे पर रख दिया। मान्यता है कि ऐसा करने से गाँव के सारे कष्ट और नकारात्मक ऊर्जा उस बर्तन में समा जाती है और गाँव पवित्र हो जाता है।यह अनुष्ठान न सिर्फ़ आस्था का प्रतीक है, बल्कि ग्रामीणों की सामुदायिक एकजुटता को भी दर्शाता है, जहाँ हर उम्र के लोग एक साथ मिलकर सामूहिक कल्याण की कामना करते दिखे।

rajeshswari
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Shiv murti

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