उत्तर-दक्षिण विभाजन पर आधारित पुस्तक का वाराणसी में विमोचन

उत्तर-दक्षिण विभाजन पर आधारित पुस्तक का वाराणसी में विमोचन

वाराणसी  (जनवार्ता) । जगतगंज की ऐतिहासिक राजकीय कोठी में रविवार को लेखक रविकांत मिश्रा की पुस्तक ‘डेमोग्राफी, रिप्रजेंटेशन, डिलीमिटेशन : द नॉर्थ-साउथ डिवाइड इन इंडिया’ का विमोचन हुआ।

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पुस्तक का लोकार्पण जगतगंज राजपरिवार रिसर्च कमेटी के संरक्षक प्रदीप नारायण सिंह, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की राजनीति विज्ञान प्राध्यापिका डॉ. प्रियंका झा तथा विधि संकाय के प्रोफेसर अखिलेंद्र पांडेय ने संयुक्त रूप से किया।

लेखक रविकांत मिश्रा ने कहा कि 1871 से अब तक के जनगणना आँकड़ों के विश्लेषण से सिद्ध होता है कि दक्षिणी राज्यों का यह दावा कि उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण में उत्तर से बेहतर प्रदर्शन किया, तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है। दक्षिण भारत में प्रजनन दर में भारी गिरावट 1970 से बहुत पहले शुरू हो चुकी थी, जबकि उत्तर भारत में यह प्रक्रिया 1970 के बाद तीव्र हुई। परिणामस्वरूप आने वाले संसदीय परिसीमन में उत्तर भारतीय राज्यों की लोकसभा सीटें बढ़ेंगी, जिसे लेकर दक्षिण में चिंता व्यक्त की जा रही है। पुस्तक में इस मुद्दे पर विस्तृत तथ्यपरक चर्चा की गई है।

प्रो. अखिलेंद्र पांडेय और डॉ. प्रियंका झा ने पुस्तक को वर्तमान राजनीतिक बहस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और शोधपूर्ण बताया।

कार्यक्रम का संचालन अशोक कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप नारायण सिंह ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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