अयोध्या में पीएम मोदी का भव्य रोड शो: शहर में उत्सव का माहौल, गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक

अयोध्या में पीएम मोदी का भव्य रोड शो: शहर में उत्सव का माहौल, गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक

अयोध्या (जनवार्ता)  । भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या मंगलवार को एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भव्य ध्वजारोहण समारोह में भाग लिया। सुबह 10 बजे महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे पीएम मोदी का स्वागत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया। हेलीकॉप्टर से साकेत महाविद्यालय पहुंचने के बाद उन्होंने शहर का एक किलोमीटर लंबा भव्य रोड शो किया, जो राम मंदिर परिसर तक चला। इस दौरान पूरे अयोध्या में उत्सव का माहौल छा गया—लोगों ने फूलों की वर्षा की, पारंपरिक संगीत और नृत्य के माध्यम से स्वागत किया, और नारों से शहर गूंज उठा।

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रोड शो के रास्ते में 12 स्वागत बिंदु स्थापित किए गए थे, जहां सांस्कृतिक मंचों पर लोक कलाकारों ने राम भक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीं। मारिगोल्ड के फूलों से सजी सड़कों पर हजारों भक्तों की भीड़ ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “यह राम राज्य का प्रतीक है—पीएम जी का आगमन अयोध्या के गौरवशाली इतिहास को जीवंत कर रहा है।” रोड शो के बाद पीएम मोदी ने सप्तमंदिर, शेषावतार मंदिर और राम दरबार गर्भगृह में दर्शन किए, जहां वेद मंत्रों की ध्वनि से वातावरण पवित्र हो गया।

यह आयोजन केवल एक समारोह नहीं, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रमाण है। विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर फहराई गई केसरिया ध्वजा—जो 10 फीट ऊंची और 20 फीट लंबी है—पर सूर्य चिह्न, ‘ओम’ और कोविदार वृक्ष का प्रतीक अंकित है। यह ध्वजा राम राज्य के आदर्शों—सम्मान, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता—का संदेश देती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भगवान राम को समर्पित काव्यात्मक श्रद्धांजलि साझा की, जिसमें कहा गया, “सप्तपुरियों में श्रेष्ठ श्री अयोध्या धाम में आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के पावन हाथों से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भव्य केसरिया ध्वजा फहराई जा रही है।”

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ‘सनातन संस्कृति का पुनरुद्धार’ करार दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “यह दिव्य संदेश समस्त भारतवर्ष को अजेय आध्यात्मिक एवं आत्मिक ऊर्जा से संनादित कर रहा है।” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी समारोह में उपस्थित रहे। लगभग 6,000 अतिथियों, जिसमें 500 से अधिक संत-महात्मा शामिल थे, ने इस पल को साक्षात् राम अवतरण का रूप दिया। सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच 6,970 पुलिसकर्मी, एटीएस कमांडो और एनएसजी स्नाइपर तैनात रहे।

अयोध्या मास्टर प्लान 2031 और विजन 2047 के तहत यह समारोह शहर को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “अयोध्या धाम का नाम इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो जाएगा।” पीएम मोदी का यह दौरा न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक पुनरुत्थान की कहानी को भी रेखांकित करता है—जहां प्राचीन वैदिक दर्शन आधुनिक बुनियादी ढांचे से जुड़ रहा है। शहर में सूर्योदय से ही भक्ति भजनों की धुनें गूंज रही थीं, और यह यादगार पल हर हिंदू के हृदय में अमिट रूप से अंकित हो गया।

Shiv murti

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