वाराणसी नगर निगम की बैठक में अहम फैसले: कज्जाकपुरा आरओबी का नाम ‘बाबा लाट भैरव फ्लाईओवर’
वाराणसी (जनवार्ता) | वाराणसी नगर निगम की कार्यकारिणी की बुधवार को हुई मैराथन बैठक शहर के विकास एजेंडे के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई। महापौर अशोक तिवारी की अध्यक्षता में करीब छह घंटे चली इस बैठक में कई बड़े प्रस्तावों पर सहमति बनी और विभागीय लापरवाही पर कड़ी सख्ती भी दिखाई दी।

बैठक का प्रमुख निर्णय कज्जाकपुरा स्थित निर्माणाधीन आरओबी के नामकरण से जुड़ा रहा। कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से इस आरओबी को ‘बाबा लाट भैरव फ्लाईओवर’ नाम देने का प्रस्ताव पारित किया। शहर की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक पहचान को सम्मान देने हेतु लिया गया यह निर्णय स्थानीय भावनाओं से भी जुड़ा माना जा रहा है।
स्ट्रीट लाइट से जुड़े उपकरणों की खरीद अब सीधे कंपनियों से की जाएगी। इस व्यवस्था से बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और निगम को करोड़ों रुपये की बचत होने की उम्मीद है। बैठक में सामान्य विभाग, आलोक विभाग और जलकल विभाग में तकनीकी योग्यता वाले अभियंताओं की तैनाती की मंजूरी भी प्रदान की गई।
शहर में आवारा पशुओं की समस्या पर नियंत्रण के लिए दनियालपुर की पांच बीघा जमीन पर एक बड़े, आधुनिक पशु आश्रय स्थल के निर्माण पर सहमति बनी। उम्मीद है कि इस फैसले से शहर के कई इलाकों में पशुजनित अव्यवस्थाओं में कमी आएगी। इसके साथ ही नगवां और अस्सी क्षेत्रों में हर वर्ष आने वाली बाढ़ की समस्या को देखते हुए बैराज निर्माण का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए, जिसे दीर्घकालिक समाधान के रूप में देखा जा रहा है।
हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तय हुआ कि 31 दिसंबर तक सोलर प्लांट स्थापित करने वाले उपभोक्ताओं को संपत्ति कर में 10 से 12 प्रतिशत तक की विशेष छूट प्रदान की जाएगी। यह कदम शहर को सोलर-पॉजिटिव बनाने की दिशा में बड़ा प्रोत्साहन माना जा रहा है।
बैठक के दौरान विभागीय लापरवाही को लेकर सख्त रुख देखने को मिला। कूड़ा समय पर न उठने और आवारा कुत्तों-बंदरों की बढ़ती समस्या पर महापौर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी और पशु कल्याण अधिकारी को फटकार लगाई। इसके बाद जल निगम के एक अवर अभियंता को बैठक से बाहर कर दिया गया। महापौर ने खुले में बिना पर्दे के मीट-मुर्गे की दुकानें चलाने वालों पर भी नाराजगी जताते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
स्मार्ट काशी एप पर लंबित शिकायतों को लेकर भी महापौर ने गंभीर असंतोष व्यक्त किया। विभिन्न विभागों में दो हजार से अधिक शिकायतें लंबित पाए जाने पर उन्होंने तीन दिसंबर तक सभी शिकायतों के शत-प्रतिशत निस्तारण के निर्देश दिए। इसी क्रम में सीएम ग्रिड परियोजना के कार्यों की गुणवत्ता पर उपसभापति नरसिंह दास ने सवाल उठाए। महापौर ने मुख्य अभियंता को निर्देश दिया कि संबंधित क्षेत्रीय अभियंताओं की जिम्मेदारी तय की जाए और निरीक्षण के लिए एक बहु-विभागीय समिति गठित की जाए।
बैठक में पद्म पुरस्कार प्राप्त शहर के गौरवों के नाम पर उनकी गलियों और सड़कों का सौंदर्यकरण करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। इसके अलावा टाउन हॉल बाउंड्री से सटे 52 दुकानदारों को प्लाजा में आवंटन, विभिन्न बाजारों के किराया निर्धारण तथा अतिक्रमण गैंग के लिए 20 श्रमिक और 10 जवान रखने की मंजूरी दी गई। नगर निगम क्षेत्र में संचालित पेइंग गेस्ट हाउस, होम स्टे और डॉर्मिटरी के लिए वार्षिक किराया 1,500 रुपये तय किया गया है तथा सभी ऐसे भवनों को 15 दिसंबर तक चिन्हित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में पार्षद अमरदेव यादव, प्रमोद राय, हनुमान प्रसाद, अशोक मौर्य, राजेश यादव चल्लू, सुशील कुमार गुप्ता, प्रवीण राय, मदन मोहन तिवारी, राजकपूर चौधरी, माधुरी सिंह, सुशीला सहित नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, संयुक्त नगर आयुक्त कृष्ण चन्द्र, मुख्य अभियंता आर.के. सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.के. चौधरी, महाप्रबंधक जलकल अनूप सिंह और जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे।

