वाराणसी में सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों के साथ मिलावटखोरी भी चरम पर
सर्राफा कारोबारियों और हॉलमार्किंग एजेंटों की कथित सांठगांठ, ग्राहकों की जेब पर डाका

वाराणसी (जनवार्ता) । जनपद में सोने-चांदी के भाव जिस रफ्तार से आसमान छू रहे हैं, उसी रफ्तार से ज्वेलरी में मिलावट का धंधा भी फल-फूल रहा है। शहर में हर चौराहे पर नई-नई ज्वेलरी की दुकानें खुल रही हैं, कई के तो एक साथ कई ब्रांच भी चल रहे हैं। लेकिन इन चमचमाती दुकानों के पीछे ग्राहकों को ठगने का एक संगठित खेल चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार सोने के गहनों में अब “पाउडर मिक्सिंग” तकनीक का खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है। तीन हिस्सा शुद्ध सोना और एक हिस्सा अन्य धातु मिलाकर गहने तैयार किए जा रहे हैं। हॉलमार्किंग के समय सिर्फ शुद्ध हिस्से पर टेस्टिंग कर फुल मार्किंग दे दी जाती है। हॉलमार्किंग एजेंट और ज्वेलरों के बीच गहरी साठगांठ की बात सामने आ रही है। फर्जी हॉलमार्क प्रमाणपत्र के बदले मोटी रकम का लेन-देन होता है।
चांदी के बाजार में भी हालात कम गंभीर नहीं हैं। चांदी के सिक्कों और बर्तनों में कैडमियम, जस्ता जैसी सस्ती धातुएं मिलाकर शुद्धता को 60-70 फीसदी तक गिराया जा रहा है। चांदी का भाव पिछले तीन-चार साल में तीन गुना से ज्यादा हो चुका है, जिसके चलते मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं।
नेपाल-बांग्लादेश से भारी तस्करी
शहर में बिकने वाला मिलावटी सोना ज्यादातर नेपाल सीमा और बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते आ रहा है। कुछ दिन पहले बांग्लादेश सीमा पर बड़ी खेप पकड़ी गई थी। स्थानीय कारोबारियों का दावा है कि सीमा पर तैनात कुछ अधिकारियों-जवानों की मिलीभगत से यह खेल सालों से चल रहा है। आगरा, जयपुर और सूरत से भी मिलावटी सोना मंगवाया जा रहा है। कभी-कभार दिखावे की कार्रवाई कर कोटा पूरा कर लिया जाता है, लेकिन असल धंधा बेरोकटोक चल रहा है।
फर्जी ज्वेलर्स का आतंक
हाल के दिनों में चंद्रा ज्वेलर्स और राजपूत ज्वेलर्स जैसे नामों से दो-तीन ब्रांच खोलकर सैकड़ों ग्राहकों को ठगने के बाद ये दुकानें रातोंरात गायब हो गईं। इनका तरीका एक ही है – पहले उधार और किस्तों का लालच देकर ग्राहक फंसाओ, नकली-मिलावटी माल थमाओ, फिर दुकान बंद कर फरार।
24 कैरेट में भी धांधली
हाल ही में मुंबई, दिल्ली, जयपुर, सूरत समेत कई शहरों में 40 से ज्यादा बड़े ज्वेलर्स पर छापे पड़े थे। चौंकाने वाली बात यह थी कि 24 कैरेट बताकर बेचा जा रहा सोना भी महज 87-89 फीसदी शुद्ध निकला, जबकि 24 कैरेट की शुद्धता 99.9% होनी चाहिए। वाराणसी में भी अगर इसी तरह सघन जांच अभियान चलाया जाए तो कई बड़े नामों की पोल खुल सकती है।
ग्राहक अब असमंजस में हैं कि विश्वसनीय दुकान कौन सी है? विशेषज्ञों का कहना है कि हॉलमार्क के साथ-साथ खुद भी बिल्टी में लिखित शुद्धता और वजन की जांच करें। लेकिन जब तक प्रशासन सख्ती नहीं करेगा, बनारस के सर्राफा बाजार में मिलावट का यह काला खेल यूं ही चलता रहेगा।

