रिश्वतखोरी मामले में आरोपी महिला कॉन्स्टेबल को हाईकोर्ट से जमानत
प्रयागराज (जनवार्ता)| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार महिला कॉन्स्टेबल अर्चना राय को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकलपीठ ने उनकी जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया। अर्चना राय पर आरोप है कि उन्होंने वाराणसी के कोतवाली थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी के साथ मिलकर दहेज उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी का नाम विवेचना से हटाने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। एंटी करप्शन टीम ने 17 अक्टूबर को दोनों को भदोही निवासी शिकायतकर्ता मेराज से रुपये लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसी दौरान न्यायिक हिरासत में बंद अर्चना राय ने हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की थी।
अर्चना राय की ओर से अधिवक्ता ने अदालत में यह दलील दी कि रिश्वत मांगने का मुख्य आरोप निरीक्षक सुमित्रा देवी पर है और याची केवल अधीनस्थ होने के नाते अपने वरिष्ठ के निर्देशों का पालन कर रही थीं। अधिवक्ता ने दावा किया कि याची पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और उसे सह-अभियुक्त बनाकर गलत तरीके से जेल भेजा गया है।
दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत ने कॉन्स्टेबल अर्चना राय को सशर्त जमानत प्रदान कर दी।

