मनरेगा का नाम बदलना गांधी-विरोधी एजेंडे का विस्तार: मृदुल मिश्रा
– केंद्र सरकार के फैसले पर युवा कांग्रेस का तीखा प्रहार
सोनभद्र (जनवार्ता)। भारतीय युवा कांग्रेस सोनभद्र के जिला महासचिव मृदुल मिश्रा ने केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा का नाम बदलकर ‘विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (VB-G RAM G) किए जाने की कवायद को संघ–भाजपा की वर्षों पुरानी गांधी-विरोधी सोच का विस्तार बताया है। उन्होंने कहा कि यह महज प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि महात्मा गांधी की विरासत को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर करने का प्रयास है।

मृदुल मिश्रा ने कहा कि संघ और भाजपा का इतिहास गांधी के विचारों- समानता, अहिंसा, सामाजिक न्याय और गरीबों के अधिकार से टकराव का रहा है। कभी पाठ्यक्रमों से गांधी को हटाने की कोशिश होती है, कभी उनकी प्रतिमाओं और संस्थानों को हाशिये पर डाला जाता है और अब मनरेगा जैसे कानून से ‘गांधी’ नाम मिटाने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने बताया कि 2005 में यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना बनी, जिसने करोड़ों ग्रामीण परिवारों को रोजगार, महिलाओं को 50 प्रतिशत से अधिक भागीदारी और कमजोर वर्गों को स्थायी सहारा दिया। संकट के समय यह योजना गरीबों के लिए जीवनरेखा साबित हुई।
मृदुल मिश्रा ने कहा कि जहां विश्व गांधी को नमन करता है, वहीं देश में उनकी उपेक्षा विडंबना है। उन्होंने सरकार से नाम परिवर्तन पर पुनर्विचार, बजट बढ़ाने और मजदूरी समय पर देने की मांग की, अन्यथा जनआंदोलन की चेतावनी दी।

