ओडिशा : सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में 1.1 करोड़ के इनामी माओवादी समेत आधा दर्जन नक्सली ढेर
दो इंसास राइफल, एक .303 राइफल सहित अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद
भुवनेश्वर (जनवार्ता) । ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षाबलों ने माओवादियों के खिलाफ बड़े अभियान में बड़ी कामयाबी हासिल की है। खुफिया सूचना के आधार पर शुरू किए गए संयुक्त ऑपरेशन में दो दिनों में कुल छह माओवादी मारे गए, जिनमें सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य और ओडिशा में संगठन के प्रमुख गणेश उइके भी शामिल हैं। उइके पर केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कुल 1.1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।

पुलिस के अनुसार, बुधवार रात बेलघर थाना क्षेत्र के गुम्मा जंगल में हुई मुठभेड़ में दो माओवादी मारे गए थे। गुरुवार सुबह चकापाड थाना क्षेत्र और कंधमाल-गंजम जिले की सीमा पर राम्पा जंगल क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर गोलीबारी हुई, जिसमें चार माओवादी ढेर हो गए। इन चारों में दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। मारे गए माओवादियों में से एक की पहचान 69 वर्षीय गणेश उइके के रूप में हुई है, जो पाक्का हनुमंतु, राजेश तिवारी, चमरू और रूपा जैसे उपनामों से भी जाना जाता था। वह तेलंगाना के नालगोंडा जिले का मूल निवासी था और कई बड़े माओवादी हमलों में शामिल रहा था।
ऑपरेशन में ओडिशा पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी), सीआरपीएफ और बीएसएफ की 23 टीमों ने हिस्सा लिया। मुठभेड़ स्थलों से दो इंसास राइफल, एक .303 राइफल सहित अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। अन्य मारे गए माओवादियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
ओडिशा पुलिस के डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “केंद्रीय समिति सदस्य की मौत राज्य में माओवादियों की कमर तोड़ने वाली है। यह हाल के समय की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है। अभियान जारी है और और सफलता की उम्मीद है।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस सफलता की सराहना की है और इसे नक्सलवाद उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। पुलिस का मानना है कि इस कार्रवाई से ओडिशा नक्सल-मुक्त होने की दहलीज पर पहुंच गया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।

