गाजीपुर में तेज रफ्तार कार ने 3 को रौंदा,ड्राइवर फरार
गाजीपुर। गाजीपुर में गुरुवार सुबह एक कार ने वाराणसी-मऊ फोरलेन पर टहल रहे तीन युवकों को रौंद दिया। इलाज के लिए ले जाते समय तीनों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार भी आगे जाकर रूकी। उसमें सवार तीन लोग बाहर उतरे और घायलों तक आए भी लेकिन जैसे ही भीड़ बढ़नी शुरू हुई। तीनों गायब हो गए। फिलहाल, पुलिस ने गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया है। एक ही गांव के तीन लोगों की मौत से पूरे गांव में कोहराम मच गया है।
पीछे से कार ने मारी टक्कर
जंगीपुर थाना क्षेत्र के मिट्ठापारा गांव के कई लोग सुबह देवकठिया फोरलेन हाईवे के किनारे टहलने जाते हैं। गुरुवार की सुबह भी फोरलेन पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुके अच्छेलाल यादव (45), दिवाकर यादव (32) और विनोद यादव (35) साथियों के साथ टहल रहे थे। अचानक से पीछे से आई वैगनआर गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी।
प्रत्यक्षदर्शी अमरजीत यादव ने बताया कि सुबह फोरलेन पर टहलने वाले सड़क के किनारे ही रहते हैं। वैगनआर गाड़ी काफी तेज रफ्तार में थी और किनारे चल रहे लोगों को पीछे से रौंदते हुए निकल गई। कुछ लोग किनारे होकर कार के पीछे भी भागे। हालांकि, वह आगे निकल गया।
पुलिस ने गाड़ी को लिया कब्जे में
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने वैगनआर कार को कब्जे में ले लिया है। पुलिस को गाड़ी में से शराब की बोतलें, कार सवार लोगों के पर्स और एटीएम कार्ड मिले हैं। सबसे खास बात गाड़ी की नंबर प्लेट गायब थी। पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। मौके पर मिले कार्ड और दस्तावेजों के आधार पर बताया जा रहा है कि आरोपी गोरखपुर के हैं।
मृतकों में दो आपस में रिश्तेदार
वैगनार गाड़ी की चपेट मे आने वाले अच्छेलाल यादव दो बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुके हैं। जंगीपुर के यादव मोड़ के पास वह टेंट हॉउस चलाते थे। अच्छेलाल यादव के दो बेटे हैं। वहीं सड़क हादसे मे हुई मौत में विनोद यादव व दिवाकर यादव आपस में रिश्तेदार थे।
धड़ाम की आवाज आई और तीनों को कार रौंदते हुए निकल गई
प्रत्यक्षदर्शी गामा यादव ने बताया, “मृतक अच्छेलाल, विनोद और दिवाकर के साथ तीन लोग और चल रहे थे। हालांकि, सभी आगे पीछे थे। मेरा ऑपरेशन हुआ है तो मैं सबसे पीछे चल रहा था। तभी मेरे बगल से तेज रफ्तार गुजरी। उस वक्त वह कार अपनी लेन में चल रही थी। जैसे ही मुझे क्रॉस किया। वह लहराने लगी। मैंने आगे के लोगों को आवाज दी। दो लोग तो सड़क पार भाग गए। जबकि तीनों मृतक डिवाइडर से सटने लगे तभी धड़ाम की आवाज आई और कार तीनों को रौंदते हुए आगे निकल गई। तीनों छटपटा रहे थे। तीनों के पैर टूट चुके थे। सभी वहीं इकट्ठा हो गए। तब तक कार से तीन लोग निकल कर घायलों तक आ गए। हालांकि, भीड़ बढ़ने के बाद तीनों कहां गायब हो गए यह किसी को पता नहीं चल सका।”
इंद्रदेव ने बताया, “सड़क पार कर हमने जान बचाई। मुझे लगता है कि कार की स्पीड सौ से भी ज्यादा रही होगी। हालांकि, कार सवार लोगों को जरा भी चोट नहीं आई है। कार सवार तीनों लोग बच गए हैं। हालांकि, वह कहां निकल गए यह किसी को पता नहीं है। जबकि प्रत्यक्षदर्शी संतोष ने बताया कि तीनों के सिर में भी चोट लगी है। अंदूरनी चोटों की वजह से जान गई है। उनके पैर की हड्डियां टूट कर बाहर की ओर आ गई थी।”
तीनों के हैं छोटे छोटे बच्चे
दिवाकर के घर में उसकी पत्नी उसका आठ साल का बेटा अमन, 6 साल का साहिल और 3 साल की अंशिका बेटी है। तीनों को समझ नहीं आ रहा है कि क्या हुआ है। वह बस अपनी मां संगीता को बिलख बिलख कर रोते हुए और थोड़ी थोड़ी देर में बेहोश होते हुए देख रहे हैं। वहीं विनोद भी अपने पीछे पत्नी समेत चार बच्चों को छोड़ गए हैं। उनके घर में भी मातम का माहौल है। सभी अब पोस्टमार्टम हाउस से विनोद की बॉडी का आने का इंतजार कर रहे हैं। जबकि अच्छे लाल की पत्नी समेत दो बेटे हैं। यहां पत्नी समेत दोनों बच्चे भी बदहवास स्थिति में हैं। घर के बड़े बुजुर्ग लगातार बच्चों को समझा रहे हैं।