विदेश मंत्री ने की अमेरिकी रक्षा सचिव से मुलाकात;सैन्य सहित रूस-यूक्रेन युद्ध पर हुई चर्चा
नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 26 सितंबर को संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा सचिव,ऑस्टिन लॉयड से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के आपसी हितों के पर चर्चा हुई। इसके साथ ही दोनों सेनाओं के साथ सैन्य अभियानों पर भी बात हुई।
बैठक में विशेष रूप से भारत और अमेरिका (USA) के बीच पारस्परिक हित के विषयों पर बात हुई। भारत के विदेश मंत्री और अमेरिकी रक्षा सचिव के बीच रक्षा,व्यापार,सेवा,सैन्य अभ्यास,औद्योगिक सहयोग आदि शामिल थे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर इस बैठक की जानकारी दी। जयशंकर ने कहा कि “रक्षा और सुरक्षा भारत और अमेरिकी संबंधों का प्रमुख स्तंभ है।”
अमेरिकी और भारतीय सेनाओं पर बोले ऑस्टिन
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने अमेरिका-भारत संबंधों के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि दोनों देश अपनी सेनाओं पर पहले से बेहतर तालमेल के साथ काम कर रही हैं। साथ ही सैन्य अभियानों को बखूबी अंजाम दे रही हैं।
अमेरिकी रक्षा विभाग की ओर से लॉयड ने बयान जारी कर कहा कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंध – दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच सैन्य संबंध मजबूत हो रहे हैं।
भारतीय और अमेरिकी सेना के सदस्य नियमित रुप से युद्धाभ्यास करते हैं साथ ही दोनों सेनाओं नियमित रुप से सूचना और खुफिया जानकारी साझा करती हैं। खास कर साल 2020 में दोनों देशों की सरकारों के बीच जियो पॉलिटिकल समझौतों के कारण भारत अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेता है। भारत और अमेरिका के सैन्य संबंध अब तक के सबसे मजबूत स्तर पर हैं।
अमेरिकी रक्षा सचिव ने की भारतीय सेना की तारीफ
अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन लॉयड ने अपने बयान में भारतीय सेना की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ अधिक सहयोग के साथ काम कर रही हैं। भारत ने पहले अमेरिका से सी-हॉक और अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदे थे।
इसके अलावा भारत और अमेरिका के सशस्त्र बलों ने नियमित रूप से द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों में भाग लेते हैं। ये अभ्यास यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी सेनाएं भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हैं।
ऑस्टिन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)और भारत, एक दर्जन से अधिक इंडो-पैसिफिक साझेदारों के साथ, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक डायलॉग के माध्यम से इस क्षेत्र की समृद्धि का विस्तार करने पर जोर दे रहे हैं।
इस बीच, डॉ एस जयशंकर ने एक ट्वीट के माध्यम से आगे कहा कि उन्होंने पेंटागन प्रमुख के साथ यूक्रेन संघर्ष, भारत-प्रशांत विकास,समुद्री चुनौतियों और क्षेत्रीय मुद्दों पर दृष्टिकोण का साझा किया।