खड़गे का राज्सभा नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा:केएन त्रिपाठी का फार्म निरस्त
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नॉमिनेशन करने के एक दिन बाद राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार को सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा। दरअसल,कांग्रेस में ‘एक व्यक्ति एक पद’का सिद्धांत है। इसी के तहत खड़गे ने यह इस्तीफा दिया है। अब माना जा रहा है कि पी चिदंबरम या दिग्विजय सिंह राज्यसभा में उनकी जगह ले सकते हैं।
इधर, कांग्रेस सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि 30 सितंबर को कुल 20 फॉर्म जमा किए गए। स्क्रूटनी कमेटी ने इनमें से 4 फॉर्म खारिज कर दिए हैं। केएन त्रिपाठी के फॉर्म को खारिज कर दिया गया क्योंकि यह निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर रहा था। अब कांग्रेस अध्यक्ष पद के दो मौजूदा दावेदारों में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर शामिल हैं। वापसी के लिए 8 अक्टूबर तक का समय है, उसके बाद तस्वीर साफ होगी। कोई नाम वापस नहीं लेता है तो वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।
खड़गे 2021 में बने थे LOP
खड़गे को पिछले साल 2021 में कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा होने के बाद फरवरी में राज्यसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। दिग्विजय ने खड़गे की एंट्री के बाद खुद को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर लिया था। पार्टी और आलाकमान के विश्वसनीय नेताओं में से एक हैं और नेता प्रतिपक्ष के लिए पहली पसंद बताए जा रहे हैं।
क्या है एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत
एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता एक समय में दो पद पर नहीं रह सकता। पार्टी इस सिद्धांत के तहत संगठन में हर लेवल के 50% पदों पर 50 साल या इससे कम उम्र के युवा चेहरों को मौका देना चाहती है।
इसके तहत कोई भी व्यक्ति पार्टी के एक पद पर पांच साल से अधिक समय तक नहीं रहेगा। कार्यकाल समाप्त होने के बाद,व्यक्ति को अपने पद से इस्तीफा देना होगा। यदि कोई व्यक्ति किसी पद पर वापस आना चाहता है तो उसे 3 वर्ष की कूलिंग पीरियड के बाद ही मौका दिया जाएगा।
उदयपुर के चितंन शिविर से निकला था सिद्धांत
इस साल मई महीने राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित किया गया था। इसमें 430 नेताओं ने 2024 लोकसभा चुनाव में जीत के लिए रोड मैप तैयार किया था। इस दौरान पार्टी में कई बड़े बदलावों पर मुहर लगी थी। इसमें ‘एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत’ भी पास किया गया।
सिद्धांत पर हाल में ही हुआ था बवाल
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के पार्टी ने 22 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था। नोटि जारी होने के बाद राजस्थान के CM अशोक गहलोत भारत जोड़ो यात्रा के बीच राहुल गांधी से मिलने कोच्चि पहुंच गए। इससे पहले अशोक ने अपने एक बयान में कहा था कि वो पार्टी के हित के लिए दो पदों पर भी बने रह सकते हैं। लेकिन उनकी इस मंशा को झटका तब लग जब राहुल गांधी स्पष्ट तौर पर कह दिया कि पार्टी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर ही चलेगी।
17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 22 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से शुरू हुई,जो 30 तक चली। उम्मीदवार 8 अक्टूबर तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 19 अक्टूबर को रिजल्ट आएगा।