चाँद पर इंसान का लम्बे समय से रहना संभव

चाँद पर इंसान का लम्बे समय से रहना संभव
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लंदन। इंसान वर्षों से अंतरिक्ष में लंबी उड़ान लगाने की कोशिश में लगा हुआ है। पिछले दिनों स्‍पेस एक्‍स के प्रमुख एलन मस्‍क ने कहा था कि चांद पर इंसान का लंबे समय तक रहना संभव होगा। अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी इस बारे में बयान जारी किया है। नासा का भी कहना है कि इस दश में इंसान का चांद पर लंबे समय तक रहना संभव हो जाएगा। होवार्ड हू, जो कि नासा के Orion lunar spacecraft प्रोग्राम के प्रमुख हैं, ने ये बात बीबीसी को दिए एक इंटरव्‍यू में कही है। उनका कहना है कि Orion lunar spacecraft के जरिए हमें न सिर्फ एक प्‍लेटफार्म मिल जाएगा बल्कि एक ट्रांसपोर्टेशन सिस्‍टम भी मिल जाएगा जो हमें ये पता लगाने में मददगार साबित होगा कि हम अंतरिक्ष की गहराई में और वहां के वातावरण में कैसे आपरेट कर सकते हैं।

हू ने कहा कि हम चांद पर इंसान को भेजने और उनके वहां पर रहने की तैयारी कर रहे हैं। वे लोग वहां पर रहकर विज्ञान से जुड़े कई प्रयोग करेंगे। उनके मुताबिक ये एक बड़ा कदम होगा जो भविष्‍य में मंगल ग्रह पर भेजे जाने वाले मानव मिशन के लिए भी काफी फायदे का सौदा होगा। Artemis I mission के बाबत उन्‍होंने कहा कि इस मिशन को पांच दिन हो चुके हैं और Orion स्‍पेसक्राफ्ट अपने गंतव्‍य की तरफ आगे बढ़ रहा है। ये पूरा मिशन करीब 25 दिनों का है। इस दौरान Orion स्‍पेसक्राफ्ट धरती से करीब 2.32 लाख मील से अधिक की दूरी तय करेगा। ये स्‍पेसक्राफ्ट लगातार चांद की तरफ आगे बढ़ रहा है। अब ये चांद से करीब 39501 मील की दूरी पर है। ये स्‍पेसक्राफ्ट एक घंटे में 371 मील की स्‍पीड से अपने सफर पर आगे बढ़ रहा है।

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हू के मुताबिक ये पहला मौका है जब हम इतने लंबे समय के लिए अंतरिक्ष को उसकी गहराई में जाकर छान रहे हैं। ये न केवल अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा पल है। हम चांद पर वापस जा रहे हैं। हू ने कहा कि इस स्‍पेसक्राफ्ट के जरिए हम बार-बार चांद पर जा सकेंगे और सुरक्षित धरती पर वापस भी आ सकेंगे। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही नासा ने अपने आ‍िर्टिमिस 1 मिशन के तहत चांद पर एक मानव रहित मिशन भेजा है।

नासा की योजना भविष्‍य में चांद पर मानव मिशन भेजने की भी है। इसके लिए Orion कैपसूल का सफल होना काफी जरूरी होगा। नासा ने अपने इस मिशन को सबसे शक्तिशाली राकेट स्‍पेस लान्‍च सिस्‍टम के जरिए लान्‍च किया है। इस मिशन को काफी विलंब के बाद भेजा जा सका है। नासा के इस मिशन की सफलता ही भविष्‍य में चांद पर भेजे जाने वाले मिशन की राह तय करेगी। बता दें कि Orion कैप्‍सूल 11 दिसंबर को वापस धरती पर आ जाएगा। गौरतलब है कि नासा ने 1972 में अपोलो 17 मिशन के तहत चांद पर पहला मानव मिशन भेजा था।


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