न्यायमूर्ति अली जामिन को अधिवक्ताओं ने किया सम्मानित

न्यायमूर्ति अली जामिन को अधिवक्ताओं ने किया सम्मानित
ख़बर को शेयर करे

मऊ । (जनवार्ता)  कोर्ट सेंट्रल बार एसोसिएशन के पुस्तकालय भवन में शनिवार को समारोह का आयोजन कर उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति और जिले के प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति अली जामिन को अधिवक्ताओं ने सम्मानित किया। इस दौरान न्यायमूर्ति अली जामिन को जिला जज रामेश्वर और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

संबोधन को सुनते उपस्थित अधिवक्ता जनवार्ता

अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति अली जामिन ने कहा कि जिला जज के रूप में मऊ जनपद में मेरी पहली नियुक्ति हुई थी, यहां जो प्यार व स्नेह मिला उसको भुला नहीं सकता। उन्होंने कहा कि न्यायिक कार्य करने मे कुछ दिक्कतें होती है,जिसे मैने महसूस किया। जिस तरह हमें संवेदनशील होना चाहिए नहीं होते, कहीं न कहीं कुछ कमियां रह जाती है। न्यायालय के निरीक्षण के दौरान धारा 498 ए भादवि की फाइलें देखा जो 20-21 वर्षों से लंबित हैं, वर्ष 1999 की फाइलें लंबित हैं, आर्डरशीट से ऐसा प्रतीत होता है कि पत्रावली डंप पड़ी हुई हैं। कहीं न कहीं हमारे सुपर विजन में कमियां हैं, जिसकी वजह से फाइलें इतने वर्षों से लंबित हैं। उन्होंने कहा कि चमड़ी थोड़ी मोटी हो जाए ठीक है,लेकिन बहुत मोटी हो जाए ठीक नहीं है। ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान न हो, अगर हम चाहेंगे तो समाधान पक्का हो जाएगा। कम्युनिकेशन गैप की वजह से ही समस्याएं होती हैं।जो कहीं न कहीं हमारे संवेदनशीलता की श्रेणी में आता है। कहा कि वादकारी अपनी समस्या लेकर सबसे पहले अधिवक्ता के पास आता है, अधिवक्ता उसकी समस्या को सुनकर न्याय दिलाने के लिए उसे न्यायिक अधिकारियों के पास ले आता है। और उस समस्या को हमें देखना होता है। तभी समस्या का समाधान होता है ।

इसे भी पढ़े   वाराणसी पहुंचे विदेश मंत्री डॉ  सुब्रमण्यम जयशंकर प्रसाद 

उन्होंने कहा कि न्यायाधीश और अधिवक्ताओं के बीच संवाद होना चाहिए, तभी समस्या का समाधान हो सकता है। कहा कि अगर कोई व्यक्ति इंतेनाई का बाद लाता है, और उसे रिलिफ नहीं मिलती है तो उसका मकसद फौत कर जाता है, विपक्षी जो चाहता कर लेता है। कभी-कभी उच्च न्यायालय में ऐसे मामले आते हैं जिसे देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी की संलिप्तता नहीं है, ऐसी जमानते जिला स्तर पर ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन वह उच्च न्यायालय तक आती है। ऐसे मामलों को देखकर पीड़ा होती है। कहा कि संवेदनशील होना पड़ेगा जब तक मानसिक रूप से स्वतंत्र नहीं होंगे तो अकेले कुछ नहीं कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं की जो भी समस्या है, उसके समाधान का प्रयास किया जाएगा। जिला जज रामेश्वर में न्यायमूर्ति का जिले में आने पर स्वागत किया और अधिवक्ताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी जो भी समस्याएं हैं, उस पर कार्य चल रहा है ,शीघ्र ही सभी समस्या का समाधान हो जाएगा । उन्होंने कहा कि  कठिन परिस्थितियों में अधिवक्ता न्यायिक कार्य के संचालन में सहयोग करते हैं। न्याय के संचालन में अधिवक्ताओं का सहयोग आवश्यक है। बिना अधिवक्ताओं के सहयोग के न्यायिक कार्य नहीं हो सकता। उन्होंने अधिवक्ताओं से न्यायिक कार्य में अधिक से अधिक सहयोग करने की अपील किया ताकि जो न्याय से वंचित है, उनको शीघ्र न्याय दिलाया जा सके। इस दौरान बार के पदाधिकारियों के अलावा, लालजी पांडेय, फतेहबहादुर सिंह, भरत राय, इश्तियाक अहमद,अमरनाथ सिंह, मनोज कुमार पांडेय, सदानंद राय, राजेश राय, अरविंद सिंह, हरिद्वार राय, शमशुल हसन, प्रमोद श्रीवास्तव, हुमा रिजवी, विनोद कुमार सिंह,अरविंद तिवारी, बृजभान पाल,दिलीप श्रीवास्तव, रविंद्र लाल श्रीवास्तव, नागेंद्र राय,लक्ष्मीकांत यादव, प्रदीप श्रीवास्तव, शिवप्रसाद श्रीवास्तव, प्रमोद साहनी,मणिबहादुर सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

इसे भी पढ़े   आजम खान के बेटे को सुप्रीम कोर्ट से झटका,फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में अरजी ख़ारिज की

ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *