रायगढ़ में श्रीवर्धन बंदरगाह के पास नाव में मिलीं AK-47, आतंकी साजिश की आशंका

रायगढ़ में श्रीवर्धन बंदरगाह के पास नाव में मिलीं AK-47, आतंकी साजिश की आशंका
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Maharashtra श्रीवर्धन बंदरगाह के पास दो नावें मिली हैं। एक में दो से तीन एके 47 राइफल और कुछ जिंदा कारतूस मिले हैं। दूसरी नाव में लाइफ जैकेट्स तथा कुछ और संदिग्ध सामान मिला है। संदिग्ध नावें मिलने के बाद क्षेत्र में पुलिस ने नाकेबंदी शुरू कर दी है।

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के रायगढ़ में श्रीवर्धन बंदरगाह के पास दो नावें मिली हैं। इनमें एक में दो से तीन एके 47 राइफल और कुछ जिंदा कारतूस मिले हैं। दूसरी नाव में लाइफ जैकेट्स तथा कुछ और संदिग्ध सामान मिला है। दोनों में कोई व्यक्ति नहीं था। ये संदिग्ध नावें मिलने के बाद क्षेत्र में पुलिस ने नाकेबंदी शुरू कर दी है। श्रीवर्धन बंदरगाह का उपयोग 12 मार्च, 1993 के सिलसिलेवार विस्फोटों के लिए विस्फोटक व हथियार उतारने के लिए भी किया गया था।

एजेंसी के मुताबिक, महाराष्ट्र में वीरवार को हरिहरेश्वर बीच के पास एक संदिग्ध नाव मिलने के बाद रायगढ़ जिले और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस मामले की जांच चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, नाव में एके47 मिलने की खबर है। मगर अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। महाराष्ट्र एटीएस की टीम रायगढ़ के लिए रवाना हो गई है, जहां हरिहरेश्वर बीच पर हथियारों के साथ एक संदिग्ध नाव मिली है। आतंकी साजिश की आशंका जताई जा रही है। मुंबई में पहले भी आतंकी हमले हो चुके हैं। जिनमें सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।

नाव में मिले हथियार

स्थानीय पुलिस के मुताबिक, हरिहरेश्वर बीच पर एक अज्ञात नाव और रायगढ़ जिले के भारदखोल में बोट मिली। जिस पर कोई मौजूद नहीं है। तटरक्षक बल और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड को इसकी सूचना दे दी गई है। पुलिस विभाग आवश्यक कार्रवाई कर रही है। आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, रायगढ़ के हरिहरेश्वर बीच पर मिली संदिग्ध नाव पर हथियार मिले हैं। 

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रायगढ़ के विधायक अदिति तटकरे के मुताबिक, प्राथमिक जानकारी के अनुसार रायगढ़ के श्रीवर्धन के हरिहरेश्वर और भारदखोल में हथियार और दस्तावेज वाली कुछ नावें मिली हैं। स्थानीय पुलिस कर रही है जांच, मैंने सीएम-डीई सीएम से मांग की है कि एटीएस या स्टेट एजेंसी की स्पेशल टीम तत्काल नियुक्त करें।

26 नवंबर, 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में करीब 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस हमले में शामिल लश्कर के आतंकी समुद्र रास्ते के जरिए आए थे। इनमें से नौ आतंकी मारे गए थे। अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। 21 नवंबर, 2012 को कसाब को फांसी पर लटका दिया गया था।


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