सीएम योगी के जनसंख्या वाले बयान पर लाल हुए अखिलेश
लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ के जनसंख्या नियंत्रण के बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया है। ट्वीट करते हुए कहा कि अराजकता आबादी से नहीं,लोकतांत्रिक मूल्यों की बर्बादी से उपजती है।
दरअसल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस पर सीएम योगी ने कहा था “ऐसा ना हो कि किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड ज्यादा हो और जो मूल निवासी हो उनकी आबादी को जागरूकता के प्रयासों से नियंत्रित कर दिया जाए।
संस्थागत प्रसव में हुई बढ़ोतरी
सीएम योगी ने कहा कि संस्थागत प्रसव की दर जो पहले 67-68% थी। वह आज 84% की ओर जा रहा है। मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियन्त्रित करने की कोशिशों के अच्छे परिणाम मिले हैं। अंतर विभागीय समन्वय और जागरूकता की कोशिशों से प्रदेश अपने लक्ष्यों में निश्चित ही सफल होगा।
जागरूकता से ही होगा सुधार: डिप्टी सीएम
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या से उपजी चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं। लेकिन उपभोग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।संतुलन बनाये रखने के लिए यह जरूरी है कि जनसंख्या स्थिरीकरण के ठोस प्रयास हों।
उन्होंने जनसंख्या दिवस के महत्व और इस बाबत राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-आशा, एएनएम बहनों से कहा कि वह लोगों को जनसंख्या स्थिरीकरण के महत्व की जानकारी जरूर दें।
संस्थागत प्रसव में हुई बढ़ोतरी
सीएम योगी ने कहा कि संस्थागत प्रसव की दर जो पहले 67-68% थी। वह आज 84% की ओर जा रहा है। मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियन्त्रित करने की कोशिशों के अच्छे परिणाम मिले हैं। अंतर विभागीय समन्वय और जागरूकता की कोशिशों से प्रदेश अपने लक्ष्यों में निश्चित ही सफल होगा।
जागरूकता से ही होगा सुधार: डिप्टी सीएम
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या से उपजी चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं। लेकिन उपभोग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।संतुलन बनाये रखने के लिए यह जरूरी है कि जनसंख्या स्थिरीकरण के ठोस प्रयास हों।
उन्होंने जनसंख्या दिवस के महत्व और इस बाबत राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-आशा, एएनएम बहनों से कहा कि वह लोगों को जनसंख्या स्थिरीकरण के महत्व की जानकारी जरूर दें।