मेक्सिको में खतरे की घंटी! लोगों की चमड़ी सड़ाकर सुला रहा मौत के घाट,क्या है ये ‘जॉम्बी ड्रग’

मेक्सिको में खतरे की घंटी! लोगों की चमड़ी सड़ाकर सुला रहा मौत के घाट,क्या है ये ‘जॉम्बी ड्रग’
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मेक्सिको। मेक्सिको में जॉम्बी ड्रग तबाही मचा रहा है। इससे कई लोगों की अब तक मौत हो गई है। इसका कनेक्शन अमेरिका से जोड़ा जा रहा है। यह ड्रग हाथ और पैरों में घाव की वजह बनता है और गंभीर मामलों में मरीज की मौत भी हो जाती है। बता दें, कि ड्रग का सबसे ज्यादा असर स्किन पर पड़ता है। शरीर के अलग-अलग हिस्से में घाव होने शुरू हो जाते हैं। इसमें संक्रमण बढ़ता है। मरीज जॉम्बी की तरह मूवमेंट करता है। इसलिए जॉम्बी ड्रग भी कहते हैं।

मेक्सिको में स्वास्थ्य अधिकारियों की एक स्टडी ने लोगों को डरा दिया है। स्टडी में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ देश की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर स्थित शहरों में ओपिओइड में एक पशु ट्रैंक्विलाइजर जाइलाजिन का पता चला है। जिसके बाद मैक्सिकन सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी अलार्म बजा रहे हैं।

8 अप्रैल को, मेक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य और व्यसन आयोग के साथ मिलकर, “मैक्सिकन सीमावर्ती शहरों में अलर्ट जारी किया। सरकार के अलर्ट ने एक स्टडी की ओर इशारा किया, जिसमें तिजुआना और मेक्सिकैली शहरों में दवा के चिह्न के 300 नमूनों का जांच की गई थी। जिसमें फेंटेनाइल और 26 फेंटेनाइल चिह्नों के साथ हेरोइन के 35 चिह्नों में Xylazine को एक मिलावट के रूप में पहचाना गया था।

क्या है जॉम्बी ड्रग?
जायलेजिन ड्रग को ही जॉम्बी ड्रग कहते हैं। इस दवा का इस्तेमाल जानवरों में होने वाली बीमारी के इलाज में किया जाता है। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी CDC कहती है, कि अमेरिका में इस दवा की मांग में बढोतरी हुई है और इसका कनेक्शन ओवरडोज के कारण होने वाली मौतों से भी पाया गया है। सीडीसी का कहना है, कि जब इस दवा को नशीले पदार्थों के साथ मिलाकर लिया जाता है तो यह और खतरनाक हो जाता है। इस ड्रग को लेने के बाद इंसान अपने होश में नहीं रहता। शरीर में घाव होने शुरू हो जाते हैं।

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जानलेवा है यह ड्रग

शरीर में यह ड्रग पहुंचने के 20 से 30 मिनट बाद असर दिखने लगता है। वो होश खोने लगता है। कई घंटों तक नशे में रहता है। अगर इस दौरान व्यक्ति एक ही पोजिशन में घंटों बेसुध रहता है तो शरीर में दबाव बढ़ता है और हालत बिगड़ती है। घाव का खतरा भी बढ़ता है।

क्या कहती है रिसर्च
इस ड्रग पर हुई रिसर्च बताती हैं कि ड्रग का असर जितनी देर तक होगा, खतरा उतना ज्यादा बढ़ेगा। बेहोश व्यक्ति की किसी भी समय मौत हो सकती है। यह ड्रग मरीज में डिप्रेशन की स्थिति पैदा करता है। कुछ मामलों में मरीजों में इतनी ज्यादा उलझन पैदा होती कि लगातार उल्टियां आने लगती हैं।

क्या हैं लक्षण ?
शरीर में इस ड्रग के पहुंचने के बाद कुछ खास लक्षण दिखाई देते हैं जो बताते हैं कि हालात बिगड़ रहे हैं। जैसे- सांस लेने में तकलीफ, ब्लड प्रेशर का गिर जाना, हार्ट रेट का कम होना, शरीर पर घाव होना और उसका संक्रमित होना। ऐसे लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं और डॉक्टर से सम्पर्क करें।

Naloxone असर कम करने में मददगार
सीडीसी ( CDC ) का कहना है, कि इस तरह के ड्रग ओवरडोज के मामलों में मरीजों को Naloxone नाम की दवा दी जाती है। यह नशीले पदार्थों के असर को कम करने का काम करती है। ऐसे हालात में मरीज को सीधे डॉक्टरी सलाह लेने की बात कही जाती है।


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