इस मुस्लिम देश में अब शराब हुई टैक्स फ्री,इसलिए लिया गया यह फैसला
नई दिल्ली। दुबई दुनिया भर के पर्यटकों को आकृषित करता है। वहां का प्रशासन भी टूरिस्टों को प्रभावित करन के लिए काफी कोशिश करता है। नए साल के मौके पर दुबई प्रशासन ने शराब पर टैक्स और लाइसेंस फीस खत्म करने की घोषणा की है।
यह घोषणा दुबई की दो सरकारी शराब कंपनियों (Maritime and Mercantile International) ने की है। ये दोनों कंपनियां Emirates Group का ही हिस्सा हैं। यह
घोषणा सत्तारूढ़ अल मख्तूम परिवार के आदेश पर हुआ है। हालांकि अब उसे राजस्व के इस बडे स्रोत से हाथ धोना पडेगा। बता दें दुबई में शराब पर 30 फीसदी टैक्स लगता था और जो लोग शराब का लाइसेंस लेते थे उन्हें एक निश्चित फीस देनी होती थी।
पहले भी लिए गए शराब जुड़े कुछ अहम फैसले
दुबई प्रशासन की ओर से इससे पहले भी पर्यटकों को लुभाने के लिए शराब से संबंधित कुछे फैसले लिए गए थे जैसे कि रमजान के महीने के दौरान दिन में भी शराब बेचने की भी अनुमति दी गई थी। कोविड लॉकडाउन के दौरान शराब की होम-डिलिवरी भी शुरू की गई थी।
शराब सेवन का कानून
दुबई कानून के तहत, शराब का सेवन करने के लिए गैर-मुस्लिमों की उम्र 21 या उससे अधिक होनी चाहिए। पीने वालों को दुबई पुलिस द्वारा जारी प्लास्टिक कार्ड लेना होता है जो उन्हें बीयर,शराब और शराब खरीदने,परिवहन और उपभोग करने की अनुमति देता है। प्लास्टिक कार्ड न होने पर जुर्माना और गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है।
शेखों के बार,नाइट क्लब और लाउंज शराब में पीने वाले से शायद ही परमिट की मांग की जाती है,लेकिन लोगों को डर तो लगता ही है।