यूपी के सरकारी अस्पतालों के हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखे जाएंगे नाम;राज्य सरकार आदेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने नया आदेश जारी किया है। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के नाम हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखे जाएंगे। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 1 सितंबर के अपने आदेश में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को निर्देश दिया है कि वे राज्य के सरकारी अस्पतालों के नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू भाषा में भी लिखें।
सभी जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के भवनों के नाम हिंदी के अलावा उर्दू में लिखे जाएंगे। इसके अलावा, डॉक्टरों और कर्मचारियों के नाम और पदनाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखने के निर्देश दिए गए हैं। संयुक्त निदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम और पदनाम भी उर्दू में लिखे जाएंगे। विशेष रूप से, सरकार ने यह निर्देश उन्नाव के मोहम्मद हारून के जवाब में जारी किया, जिन्होंने मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दावा किया कि कई सरकारी एजेंसियां राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा होने के बावजूद अपने नाम बोर्डों से उर्दू को हटा रही हैं।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 1989 को यूपी सरकार द्वारा उर्दू को दूसरी राजभाषा का दर्जा देने की अधिसूचना जारी की गई थी और 19 नवंबर 1990 को एक जनादेश जारी किया गया था। तदनुसार, निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसका पालन करने के लिए समय-समय पर जारी किया जाता है।