प्रचंड गर्मी के बीच मंडरा रहा है सूखे का खतरा? स्काईमेट ने की चौंकाने वाली ‘भविष्यवाणी’
नई दिल्ली। उत्तर भारत में बढ़ती गर्मी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। अप्रैल में हुई बेमौसम बरसात से तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई थी लेकिन जून में फिर से पारा में जबरदस्त उछाल आया। पिछले कई सालों की अपेक्षा इस साल मानसून अपने समय से काफी लेट है,जिसे लेकर किसानों में काफी चिंता है। किसानों का मानना है कि इस साल मानूसन में देरी से बरसात में कमी हो सकती है। इसकी वजह से फसलों को नुकसान हो सकता है। गौरतलब है कि साल 2022 में भी मानूसन काफी कमजोर था जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
स्काईमेट ने की भविष्यवाणी?
इस साल मानसून में हुई देरी को लेकर लोगों की चिंता काफी बढ़ गई है। इस बीच स्काईमेट के पूर्वानुमान ने डर का माहौल पैदा कर दिया है। स्काईमेट ने कहा है कि 6 जुलाई तक मानसून कमजोर हो सकता है। इसकी वजह से फसलों की बुवाई में देरी हो सकती है। आपको बता दें कि स्काईमेट एक प्राइवेट फोरकास्टिंग एजेंसी है। एजेंसी ने आने वाले 4 हफ्ते के लिए कमजोर मानसून का अनुमान लगाया है।
उत्तर में कब आएगा मानसून?
आपको बता दें कि केरल के तट पर मानसून काफी देरी में 8 जून को पहुंचा था। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि उत्तर भारत में भी मानसून काफी देर से पहुंचेगा। उत्तर भारत में मानूसन के आने की संभावना 8 जुलाई बताई जा रही है। इससे फसलों की बुवाई में देरी हो सकती है। साल 2022 में सूखे की वजह से यूपी के 62 जिलों को सूखाग्रस्त की केटेगरी में शामिल किया गया था। पिछले साल धान की फसल को काफी नुकसान हुआ था। कमजोर मानसून ने बिहार और झारखंड में भी असर दिखाया था।
आपको बता दें कि भारत के दक्षिण में मानसून आ चुका है। हालांकि,इस बार भी कमजोर मानसून की वजह से इस तरह की दिक्कत देखने को मिल सकती है जिसे लेकर स्काईमेट ने पहले ही आगाह किया है।