ममता को लगा एक और बड़ा झटका;TMC विधायक को ED ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर ईडी (ED) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान ईडी ने टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद टीएमसी को एक और बड़ा झटका लगा है। ईडी ने ये कार्रवाई उनके आवास पर तालाशी लेने और लंबी पूछताछ के बाद की है। इससे पहले माणिक भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के चेयरमैन थे। जिसके बाद इसी साल जून में उन्हें कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर पद से हटा दिया गया। विधायक पर एसएससी स्कैम में कथित अनियमितताओं के आरोप लगे थे।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 10 अक्टूबर तक सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था। सूत्रों के मुताबिक, लंबी पूछताछ के दौरान जांच में सहयोग नहीं करने पर ईडी ने उन्हें हिरासत में लिया। आज माणिक को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस मामले में टीएमसी के एक अन्य विधायक और पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं। 28 सितंबर को एक स्पेशल पीएमएलए अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। जबकि जेल में सजा काटने के उनके समय को 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया।
शिक्षक भर्ती घोटाला
सीबीआई जहां नॉन टीचिंग स्टाफ (ग्रुप C एंड D),असिस्टेंट टीचर (क्लास IX-XII) और प्राइमरी स्कूल टीचर्स की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही थी, वहीं ईडी मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब इस घोटाले को कथित तौर पर हवा दी गई। मामले में सीबीआई ने उनसे 26 अप्रैल और 18 मई को पूछताछ की थी। जिसके बाद ईडी ने उनके कोलकाता आवास पर लगभग 26 घंटे से ज्यादा समय तक छापेमारी की। रेड के बाद 23 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 करोड़ रुपये नकद जब्त किए।
बीजेपी की कड़ी आलोचनाओं के बाद ममता बनर्जी ने न केवल चटर्जी को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया बल्कि उन्हें पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया। ऐसे में एक ओर जहां उनकी न्यायिक हिरासत 28 सितंबर तक बढ़ा दी गई थी, वहीं दूसरी ओर कोलकाता की एक अदालत ने उन्हें 16 सितंबर को सीबीआई हिरासत में भेज दिया। 19 सितंबर को ईडी ने चटर्जी, मुखर्जी और 6 अन्य कंपनियों के खिलाफ बैंकशाल कोर्ट में पीएमएलए अदालत के समक्ष 172 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया। ईडी ने दावा किया कि मुखर्जी की नकदी और संपत्ति को मिलाकर लगभग 100 करोड़ रुपये बरामद किए गए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये राशि 150 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।