बरेली | उमेश पाल की हत्या में आरोपी माफिया अतीक अहमद का भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ बरेली जेल में बंद है। हत्याकांड के संदिग्धों से पूछताछ में पता चला है कि अशरफ ही जेल से अतीक अहमद के धंधों को संचालित कर रहा था। शहर की पॉश कॉलोनियों में रहकर उसके गुर्गे प्रयागराज में नेटवर्क संचालित कर रहे थे।
प्रयागराज और बरेली की एजेंसियों की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि नेस्तनाबूद होने के बाद भी अतीक गैंग अपना नेटवर्क प्रयागराज से गुजरात तक वाया बरेली चला रहा था। अतीक अहमद के साबरमती जेल जाने और प्रयागराज में परिवार की कोठियों को बुलडोजर से गिराए जाने के बाद बेटों ने दहशत का साम्राज्य फिर खड़ा करने की कोशिश की थी। हालांकि बड़े फैसले अतीक और अशरफ ही लेते थे।
बरेली में सक्रिय थे अतीक के गुर्गे
सूत्रों के मुताबिक गुजरात की साबरमती जेल दूर होने की वजह से सिंडीकेट का मुख्य केंद्र बरेली था। दरअसल अतीक के रंगदारी व जमीन के धंधों की कमान फिलहाल अशरफ ही देख रहा था। अतीक के बरेली जेल आने के बाद ही उसके गुर्गे बरेली में सक्रिय हो गए थे। इसके बाद अशरफ के बरेली जेल आने पर उसके गुर्गे भी पीछे चले आए। कुछ दिन होटलों में गुजारने के बाद इनमें से कुछ पहचान बदलकर शहर की पॉश कॉलोनियों में किराये पर मकान लेकर रह रहे थे।
पीलीभीत व बीसलपुर रोड की पॉश कॉलोनियों में रहने वाले गुर्गे अक्सर किसी न किसी बहाने जेल में अशरफ से मिल लेते थे। उससे आदेश मिलने के बाद कॉल की जाती थीं, साथ ही कुछ लोगों को उससे मिलाने का इंतजाम भी किया जाता था।
कई बार दिखीं गाड़ियां और गुर्गे, नहीं हुई कार्रवाई
अतीक और अशरफ के जेल आने के बाद शहर में कई बार इस गिरोह की काले रंग की एक जैसे डिजिट की गाड़ियां दिखाई दी थीं। बजरंग ढाबे के पास ऐसी ही गाड़ियों से आए हथियारबंद लोग बहस के बाद फायरिंग करके फरार हो गए थे। चार मार्च 2022 को मौसेरी बहन के साथ आ रहे साड़ी कारोबारी से ऐसी ही गाड़ियों में बैठे लोगों ने मारपीट की थी। महिला ने लूट का भी आरोप लगाया। इस मामले में अतीक के गुर्गों का नाम आया पर कार्रवाई नहीं हुई।
बरेली रेंज के आईजी डॉ. राकेश कुमार सिंह बताया कि अशरफ मामले में कार्रवाई प्रयागराज में हो रही जांच के स्तर पर ही आगे बढ़ेगी। वहां के अधिकारियों से हम संपर्क में हैं, जो मदद मांगी जा रही है वो दी जा रही है।