वाराणसी में बड़ी तबाही की साजिश रच रहा था बीसीए का छात्र
वाराणसी में आतंक के लिए संगठन बड़ी तबाही की साजिश रच रहा था। उसके सक्रिय सदस्य नौजवानों को भड़का रहे थे। हथियारों की ट्रेनिंग और बम बनाने की ट्रेनिंग लेकर आए सदस्य यहां दहशतगर्दों की पूरी फौज खड़ी करना चाह रह थे। सौ से भी अधिक लोगों अपने साथ जोड़ लिया था। वाराणसी में पकड़े गए संगठन के पांच सदस्यों में सबसे खतरनाक लोहता के अलावल का रहने वाला अब्दुल्ला सऊद अंसारी था। वह नौजवानों को बरगलाकर देश विरोधी गतिविधियों में लगाना चाहता था। दंगे भड़काना और चर्चित लोगों पर हमले कराना था। इसके लिए वह हर हथकंडा अपना रहा था। पकड़े जाने के बाद इसका खुलासा उससे 18 घंटे तक चली कड़ी पूछताछ में हुआ।
पकड़े जाने के बाद अब्दुल्ला सऊद को लोहता थाने लाया गया था। पुलिस के साथ इंटेलिजेंस ने भी उसके नेटवर्क और इरादों को जानने के लिए पूछताछ की। देर तक वह इधर-उधर की बातें करता रहा लेकिन कड़ाई करने पर टूट गया। बताया कि उसने केरल में नौ दिन का कैंप किया था। इसमें हथियार चलाना और बम बनाना सीखा। पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों से बचने के तरीके और किसी सदस्य के पकड़े जाने पर कानूनी मदद कैसे ली जाए इसकी जानकारी ली। लखनऊ में भी दो बार संगठन के कैंप का दौरा किया था।
सऊद ने बीसीए (बैचलर इन कंप्यूटर अप्लीकेशन) की पढ़ाई की है। इससे वीडियो तैयार करना और उसे सर्कुलेट करना खूब जानता है। पकड़े जाने से पहले उसने अपने लैपटाप से तमाम वीडियो व मेल आदि डीलिट कर दिया था। विशेषज्ञों ने उसे रिकवर कर लिया। उसमें गुजरात समेत देश में हुए कई दंगों की वीडियो फुटेज थीं। इनके जरिए वह नौजवानों को भड़काता था। वाराणसी में जुड़े लोगों में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा होने के कारण युवकों को अपने मकसद के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी इसकी थी। इसने दुल्हीपुर में भी संगठन का नेटवर्क तैयार किया है।
अब्दुल्ला सऊद अंसारी से पूछताछ में पता चला कि भारत के प्रत्यके राज्यों में अपना नेटवर्क तैयार करहा है। उसने सदस्यों को अपने विरोधियों को मारक के लिए सैन्य प्रशिक्षण दिया है। उनसे आतंकी गितिविधियां कराना करने की योजना है। मारक दस्ते में ऐसी ही किसी को शामिल नहीं किया जाता है। दिग्भ्रमित युवाओं का इस्लामी मूल्यों, संगठन के प्रति वफादारी शारीरिक स्वस्थता दंगों के प्रति प्रक्रिया जैसी मानदंड के आधार पर कठोर चयन प्रक्रिया से चयनित किया जाता। उत्तर प्रदेश में बहुत से युवक संगठन में शामिल हुए हैं। उन्हें लगातार ट्रेनिग दी गई फिर मारक दस्ते में शामिल किए गए।