30 जनवरी को ख़म हो रही भारत जोड़ो यात्रा,खाकी शॉर्ट्स का मुद्दा
श्रीनगर । भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी की टी-शर्ट और उनकी दाढ़ी सहित कई चीजों ने पिछले कुछ दिनों में सुर्खियां बटोरी हैं। कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए ये यात्रा 7 सितंबर को देश के दक्षिणी सिरे से शुरू हुई थी। अब 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा श्रीनगर में लगभग 145 दिन और 3,500 किलोमीटर बाद समाप्त हो जाएगी। ये पैदल यात्रा लगभग पूरी तरह से खबरों में रही। भाजपा और कांग्रेस के बीच इस यात्रा से जुड़े कई मुद्दों को लेकर जमकर नोकझोंक भी हुईं। आइये उनपर एक नजर डालें…
टीशर्ट का मुद्दा
भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत तमिलनाडु से हुई थी। तभी से भाजपा ने कांग्रेस व राहुल गांधी को तमाम मुद्दों पर घेरना शुरू कर दिया था। सबसे पहले बीजेपी ने गांधी की महंगी टीशर्ट पर सवाल उठाया था। उसने बताया था कि यात्रा के दौरान गांधी ने जो टीशर्ट पहनी है, उसकी कीमत कथित तौर पर 41000 रुपये है। इसपर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “10 लाख रुपये का सूट और 1.5 लाख रुपये का चश्मा” के साथ जवाबी हमला किया।
खाकी शॉर्ट्स का मुद्दा
गांधी के नेतृत्व वाली यात्रा जारी रही। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, टीवी डिबेट और सड़कों पर वाद-विवाद भी चलता रहा। यात्रा के दौरान कांग्रेस ने खाकी शॉर्ट्स की एक जलती तस्वीर ट्वीट की थी। वह पहले आरएसएस की वर्दी का हिस्सा था। इससे भाजपा की ओर से प्रतिक्रिया शुरू हो गई, जिसने कांग्रेस पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।
हिंदू विरोधी होने का आरोप
फिर बाद में भाजपा ने, तमिलनाडु में एक विवादास्पद ईसाई पादरी के साथ गांधी की मुलाकात को लेकर कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया। इसके अलावा, केरल में कोच्चि के पास एक प्रचार पोस्टर में हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर की एक तस्वीर को लेकर कांग्रेस को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। एर्नाकुलम जिला कांग्रेस कमेटी ने इसके लिए जिम्मेदार कांग्रेस कार्यकर्ता को तुरंत निलंबित कर दिया था।
दाढ़ी को लेकर जुबानी जंग
वहीं, यात्रा के दौरान राहुल गांधी की दाढ़ी को लेकर भी दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग हुई। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने गुजरात में एक चुनावी रैली में कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन की तरह दिखने लगे हैं। इसपर कांग्रेस ने ट्रोल करने का आरोप लगाया। इसके बाद राजस्थान में पार्टी में तब संकट खड़ा हो गया, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को एक इंटरव्यू में ‘गद्दार’ कह दिया। हालांकि, इस मामले को समय रहते सुलझा लिया गया। पार्टी ने यात्रा से ठीक पहले एकता का प्रदर्शन किया।
कोविड का खतरा
जैसे ही यात्रा ने राजस्थान में प्रवेश किया, कोविड का खतरा मंडराने लगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गांधी और गहलोत को पत्र लिखकर कहा कि अगर कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा सकता है तो मार्च स्थगित करने पर विचार करें। गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा घबरा रही है और अपने मार्च को रोकने के लिए कोविड को बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।
सफेद टी-शर्ट, नो स्वेटर लुक
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बार-बार जोशी से छुट्टी पर उनकी टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग की है। गांधी ने दिसंबर के अंत में छुट्टी दिल्ली में बिताई। वहीं, उत्तर भारत की भारी सर्दी में गांधी की सफेद टी-शर्ट, नो स्वेटर लुक भी काफी ध्यान का विषय था। इसपर राहुल ने कहा कि मध्य प्रदेश में फटे कपड़ों में कांप रही तीन गरीब लड़कियों से मिलने के बाद उन्होंने मार्च के दौरान केवल टी-शर्ट पहनने का फैसला किया। तभी उन्होंने ये भी निर्णय लिया कि वे नाहीं नहाएंगे और ना स्वेटर पहनेंगे।
ये भी रहा विवाद में
इसके अलावा, इस महीने की शुरुआत में, राहुल गांधी ने ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि कांग्रेस ‘तपस्या’ में विश्वास करती है, जबकि भाजपा ‘पूजा’ का संगठन है। उन्होंने कहा कि भारत तपस्वियों का देश है, न कि ‘पुजारियों’ का। भाजपा ने गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस में “फूट डालो और राज करो” का डीएनए है। भाजपा के एक प्रवक्ता ने ट्विटर पर पूछा, “तपस्या का सम्मान करें लेकिन पुजारियों का अपमान क्यों करें।”