बंगाल में कैश के साथ पकड़े गए तीन विधायकों को हाई कोर्ट से बड़ा झटका
नई दिल्ली। कलकत्ता हाई कोर्ट ने झारखंड कांग्रेस के गिरफ्तार विधायकों को बड़ा झटका दिया है। विधायकों ने मामले की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपने की याचिका लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने इसके बजाय सीआईडी (CID) को निष्पक्ष तरीके से जांच जारी रखने की अनुमति दी है। झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों-इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 30 जुलाई की शाम को एक कार से करीब 49 लाख की नकदी जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था। तीनों इसी कार से यात्रा कर रहे थे।
विधायकों ने पुलिस को बताया था कि आने वाले विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कोलकाता के बुराबाजार में साड़ियां खरीदने के लिए नकदी का इस्तेमाल किया गया था। चालक समेत गिरफ्तार किए गए विधायकों और उनके साथ दो अन्य को कोर्ट ने 10 अगस्त तक सीआईडी की हिरासत में भेज दिया था।
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया था आरोप
इसके बाद कांग्रेस ने तीनों विधायकों को निलंबित कर दिया था। कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी पर आरोप लगाया था कि झारखंड में गठबंधन की सरकार को गिराने के लिए बीजेपी साजिश रच रही है। कांग्रेस ने कहा था कि उनके विधायकों को करोड़ों रुपये और बीजेपी की सरकार बनने पर मंत्री पद का लालच दिया जा रहा है।
CID मामले को लेकर कर रही छापेमारी
इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने कोलकाता के एक शेयर ब्रोकर के कार्यालय पर छापा भी मारा था. जिसने सीआईडी के अनुसार झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों को नकद राशि दी थी। कोलकाता के लाल बाजार स्ट्रीट स्थित बीकानेर बिल्डिंग में आरोपी महेंद्र अग्रवाल के कार्यालय पर मंगलवार दोपहर छापेमारी की गई थी। जिसमें 250 चांदी के सिक्के और 3,31,000 रुपये नकद बरामद किए गए थे।
दो घंटे तक चली छापेमारी के बाद कार्यालय को सील कर दिया गया था। सीआईडी ने कुछ सीसीटीवी फुटेज भी हासिल किए थे,जिससे पता चलता है कि कांग्रेस के तीन विधायकों ने अग्रवाल से 48 लाख रुपये से अधिक प्राप्त किए थे। इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल आपराधिक जांच विभाग (CID) ने बीते दिन दावा किया था कि दिल्ली और गुवाहाटी में बुधवार सुबह उनकी टीमों को तीन विधायकों से नकदी जब्त करने के मामले की जांच करने से स्थानीय पुलिस ने रोका था।