बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए नया संकट खड़ा हो सकता है,जा सकते है जेल
पटना l बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए संकट खड़ा हो सकता है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की याचिका पर दिल्ली की विशेष सीबीआइ अदालत उन्हें जेल भेजने का हुक्म भी दे सकती है। इससे पहले कोर्ट ने तेजस्वी यादव को नोटिस भेजकर उनका पक्ष मांगा है।
उनका पक्ष जानने के बाद ही कोर्ट सीबीआइ की याचिका पर फैसला लेगी। एएनआइ के अनुसार विशेष जज गीतांजलि गोयल ने तेजस्वी यादव को आइआरसीटीसी घोटाले (IRCTC Scam) के मामले में नोटिस जारी किया है। क्या आपको पता है कि कई साल पुराने इस मामले में तेजस्वी यादव के लिए उनकी हाल की एक गलती ने मुश्किल बढ़ा दी है।
तेजस्वी यादव के अलावा उनकी मां राबड़ी देवी इस मामले में वर्ष 2018 से ही जमानत पर हैं। यह मामला वर्ष 2004 से वर्ष 2009 के बीच का है, जब तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री हुआ करते थे। लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने आइआरसीटीसी के जरिए रेलवे के दो होटलों को निजी एजेंसी को सौंपने के एवज में करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति अर्जित की है। इस मामले में सीबीआइ चार्जशीट भी समर्पित कर चुकी है। लेकिन, तेजस्वी यादव की जमानत पर कोई संकट अब तक नहीं था। दरअसल, तेजस्वी ने सीबीआइ से खुलेआम पंगा लेकर अपनी मुश्किल खुद ही बढ़ा दी है।
दरअसल, सीबीआइ ने रेलवे से जुड़े घोटालों के मामले में पिछले दिनों बिहार में कई जगह छापे मारे थे। इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े कई नेताओं के ठिकानों पर सीबीआइ ने तलाशी ली थी। इन छापों से नाराज तेजस्वी यादव ने खुले मंच से सीबीआइ अफसरों को हड़काने वाली टिप्पणी की थी। सूत्रों की मानें तो सीबीआइ ने इसी आधार पर उनकी जमानत याचिका नामंजूर करने के लिए विशेष जज से गुहार लगाई है।
सीबीआइ ने दावा किया है कि तेजस्वी यादव अपनी ताकत का इस्तेमाल कर और सीबीआइ अफसरों को धमकाकर जांच प्रभावित कर सकते हैं। ऐसी हालत में उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। सीबीआइ ने कहा है कि तेजस्वी यादव ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। हालांकि, इस मामले में कोर्ट का विस्तृृत आदेश और सीबीआइ की याचिका की प्रति हमें फिलहाल हासिल नहीं हुुुई है। लेकिन, इतना जरूर समझा जा सकता है कि सीबीआइ के खिलाफ अपने भड़काऊ बयानों के कारण ही तेजस्वी यादव की मुश्किल बढ़ी है।
अगर कोर्ट सीबीआइ की याचिका स्वीकार करते हुए तेजस्वी यादव की जमानत को रद कर देता है, तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। ऐसी हालत में बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री की उनकी कुर्सी भी संकट में है। इसका असर बिहार में महागठबंधन की सरकार पर भी पड़ सकता है।