नाबालिग से दुष्कर्म मामले में भाजपा विधायक रामदुलार दोषी करार
सोनभद्र । नाबालिग से दुष्कर्म मामले में भाजपा विधायक रामदुलार गोंड़ दोषी करार दिए गए हैं। अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) की तरफ से मंगलवार की शाम मामले की सुनवाई की गई और अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए, प्रकरण को लेकर दोषसिद्ध करार दिया गया। वहीं दोषी पाए गए विधायक रामदुलारे गोंड़ को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर गुरमा स्थित जिला कारागार के लिए भेज दिया गया। प्रकरण के सुनवाई को लेकर कचहरी परिसर में खासी गहमागहमी बनी रही। अब सभी की निगाहें, 15 दिसंबर को सजा के लिए निर्धारित तिथि पर टिकी हुई हैं।
घटना के वक्त प्रधानपति थे रामदुलार:
म्योरपुर थाना क्षेत्र के रासपहरी गांव निवासी रामदुलारे गोंड़ के खिलाफ वर्ष 2014 में म्योरपुर थाने में पाक्सो एक्ट व 376 आईपीसी के तहत केस दर्ज कराया गया था। जिस समय यह केस दर्ज हुआ था, उस समय उनकी पत्नी गांव की प्रधान थी। वर्ष 2022 में भाजपा के टिकट पर दुद्धी विधानसभा से उन्हें उम्मीदवार का मौका मिला और विजय सिंह गोंड़ जैसे दिग्गज को शिकस्त देकर, रामदुलारे विधायक निर्वाचित हो गए।
पिछले एक साल से मामले की आखिरी सुनवाई को लेकर फंसा हुआ था पेंचः
प्रकरण में पिछले एक साल से मामले की आखिरी सुनवाई को लेकर पेंच फंसा हुआ था। विधायक पक्ष की तरफ से कभी बहस न होने तो कभी पीड़िता के बालिग तो कभी अदालत पर अविश्वास जताकर मामले को लटकाया जाता रहा। दो बार निर्णय के लिए तिथि भी तय हुई लेकिन ऐन वक्त पर मामला आगे के लिए टलता रहा। इस बीच सुनवाई कर रहे दो जज भी बदल गए। आखिरकार मंगलवार को मामले में आखिरी सुनवाई पूरी हुई और एडीजे प्रथम की अदालत ने विधायक रामदुलारे गोंड़ को नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया। दोषी करार दिए जाते ही, उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेकर, गुरमा स्थित जिला कारागार के लिए रवाना कर दिया गया।
अदालत पर पूरा भरोसा, न्याय की हुई जीत:
पीड़ित पक्ष की तरफ से अधिवक्ता का दायित्व निभा रहे विकास शाक्य ने इसे न्याय की जीत बताया। कहा कि लंबे समय से यह लड़ाई लड़ी जा रही थी। फैसला आने में लगभग नौ साल लग गए। अब जाकर पीड़िता को न्याय मिला है। वहीं, पीड़िता के भाई ने भी इसे न्याय की जीत बताया। कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है। इस बात की पूरी उम्मीद है कि 15 दिसंबर को सुनाए जाने वाले फैसले में रामदुलारे गोंड़ को कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जाएगी।
कम से कम 10 वर्ष की सजा, जा सकती है विधानसभा की सदस्यताः
विधायक को दोषी करारने के साथ ही, उनके विधानसभा की सदस्यता पर भी तलवार लटक गई है। पी़िड़त के अधिवक्ता विकास शाक्य और अधिवक्ता एवं कांग्रेस नेता धीरज पांडेय ने कहा कि इस मामले में विधायक को कम से कम 10 साल की सजा सुनाई जा सकती है। प्रकरण में आजीवन कारावास की उम्मीद जताई। कहा कि दो साल से अधिक सजा पर सदस्यता खत्म किए जाने का प्रावधान है। इससे स्पष्ट है कि सजा का निर्धारण होने के कारण, विधायक की विधानसभा सदस्यता खत्म हो सकती है। ऐसा होने पर दुद्धी विधानसभा में उपचुनाव की स्थिति देखने को मिल सकती है।