भाजपा विधायक की 80 वर्षीय माँ के साथ लूट की वारदात हो गई,चोरों ने कान के कुण्डल नोचे

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बुलंदशहर सदर के भाजपा विधायक प्रदीप चौधरी की 80 वर्षीय मां संतोष देवी के साथ गाजियाबाद के प्रताप विहार में कुंडल लूट की वारदात हो गई। वह सुबह की सैर पर निकली थीं। बाइकर्स गैंग के बदमाशों ने तमंचा तानकर कुंडलों पर झपट्टा मारा। झपट्टे में कान से कुंडल नहीं निकले तो बदमाशों ने कटर से दोनों कानों में कट मार दिए। वह लहूलुहान हो गईं। बदमाश कुंडल लूटकर भाग निकले। घटना शुक्रवार की सुबह हुई। प्रताप विहार में अपने छोटे बेटे जीतपाल के साथ रह रहीं संतोष देवी घर से सुबह की सैर पर निकली थीं। जीतपाल ने बताया कि देहली पब्लिक स्कूल के पास पहले से ही बाइक पर दो बदमाश घूम रहे थे। जैसे ही मां वहां पहुंचीं, उन्होंने कुंडल लूटने के लिए उन पर तमंचा तान दिया। बदमाशों ने पहले मां से कहा कि वह कुंडल निकालकर दे दें। इसके बाद खुद झपट्टा मारा। इसमें नाकामी मिली तो कटर का इस्तेमाल किया। 

उनकी चीख निकली तो आसपास से लोग आ गए। यह देख बदमाश कुंडल लेकर भाग निकले। तत्काल पुलिस को सूचना दी। भाई प्रदीप चौधरी बाहर गए हुए हैं। उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी थी। उनका आवास इंदिरापुरम में है।

विधायक प्रदीप चौधरी को कहीं से पता चला कि उनकी मां के साथ कुंडल लूट की वारदात हो गई है। उन्होंने इसके बारे में जानकारी की। उन्हें बताया गया कि लुटेरों को पकड़ने का प्रयास करना तो दूर पुलिस ने रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की है जबकि तहरीर शुक्रवार को ही दे दी गई थी। इस पर उन्होंने रविवार को एसएसपी को फोन किया। इसके बाद विजय नगर थाना पुलिस ने कुंडल लूट का केस दर्ज किया। 

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इसके बाद भी बदमाशों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। दो दिन तक रिपोर्ट दर्ज न करने पर विजय नगर थाना पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब लूट की वारदात को दर्ज करने में पुलिस ने देरी की हो। इंदिरापुरम में तो ऐसे केस भी आ चुके हैं जिनमें रिपोर्ट वारदात के एक महीने बाद दर्ज की गई। थाना पुलिस के केस दर्ज न करने पर हर महीने से 25 से 30 लोग अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं।

 जीतपाल ने बताया कि डीपीएस से 100 मीटर की दूरी पर ही पुलिसवाले मौजूद थे। बदमाशों के चले जाने के बाद मां उनके पास गईं और उन्हें बताया कि बदमाश उनके कुंडल लूट ले गए हैं। इस पर पुलिसवालों ने बदमाशों की तलाश करने के बजाय मां से ही सवाल किया कि वह यहां क्यों घूम रही हैं? इसके बाद भी पुलिसवालों ने बदमाशों की न तो खुद तलाश की और न ही थाना पर इसकी सूचना दी। अगर पुलिस ने उसी समय घेराबंदी की होती तो बदमाश पकड़े जा सकते थे। जब और लोगों ने भी सवाल किए तो एक पुलिसकर्मी घटनास्थल देखने के लिए गया। पुलिसवालों ने मां को अस्पताल भी नहीं पहुंचाया। लोगों से सूचना मिलने पर वह पहुंचे और मां को अस्पताल ले गए।

एसपी सिटी निपुण अग्रवाल का कहना है कि विजय नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करने में देरी क्यों की गई? इसकी जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बदमाशों की तलाश के लिए टीम लगाई गई है।

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