गुजरात चुनाव जीतने के लिए बीजेपी का ‘ब्रह्मास्त्र’
नई दिल्ली। गुजरात चुनाव से पहले बीजेपी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने का दांव चल सकती है। खबरों की मानें तो गुजरात सरकार आज (शनिवार को) यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक कमेटी गठित कर सकती है। गुजरात सरकार की कैबिनेट की मीटिंग में आज यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक कमेटी का गठन संभव है। बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा गुजरात चुनाव में बीजेपी का ट्रंप कार्ड साबित हो सकता है। यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे को लंबे समय से बीजेपी उठा रही है। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने सभी नागरिकों के लिए सिविल कानून समान हो जाएंगे।
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?
- यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुआ तो सभी धर्मों के नागरिकों के लिए एक जैसा कानून होगा।
- धर्म या जाति के आधार पर किसी को राहत नहीं मिलेगी।
- शादी और तलाक के मामलों में सभी के लिए कानून एक जैसा होगा।
- इसके अलावा जायदाद के हिस्से में सभी धर्मों के लिए एक समान कानून होगा।
- गोद लेने की प्रक्रिया को लेकर भी सभी के लिए एक जैसा कानून होगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से होंगे ये बदलाव
गौरतलब है कि अभी भारत में अलग-अलग धर्मों के लिए सिविल कानून एक जैसे नहीं हैं। देश में मुस्लिमों, ईसाइयों समेत अन्य धर्मों के पर्सनल लॉ हैं। अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो पर्सनल लॉ की जगह सभी को एक जैसे कानूनों का पालन करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का हलफनामा
हालांकि, केंद्र सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने को लेकर दायर याचिकाओं का विरोध किया था। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना एक नीतिगत मसला है। इसको लेकर फैसला करना संसद का काम है। सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर संसद को कानून बनाने के लिए निर्देश नहीं दे सकता है। किसी मसले पर कानून लाने का संसद के पास संप्रभु अधिकार है। इसीलिए देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं को खारिज कर देना चाहिए।