गाजियाबाद। गाजियाबाद में रैबीज से एक बच्चे की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट में उठा है। सॉलिसीटर जनरल ने जजों को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद कोर्ट में मौजूद एक वरिष्ठ वकील ने जजों से अनुरोध किया कि वह कुत्तों के हमले के मसले पर खुद संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू करें। हालांकि,कोर्ट ने फिलहाल इस पर कोई आदेश नहीं दिया है।
एक मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील हाथों में पट्टी बांधे पेश हुए। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने उनसे इसका कारण पूछा। तब वकील ने बताया कि उन पर कुत्तों ने हमला किया था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने जानना चाह कि क्या उन्हें इलाज में सहायता की ज़रूरत है। इस बीच कोर्ट में मौजूद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने गाज़ियाबाद में पिछले दिनों हुई 14 साल के बच्चे की मौत का मामला उठा दिया।
सॉलिसीटर जनरल ने क्या कहा?
तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़,जस्टिस पी एस नरसिम्हा और मनोज मिश्रा को बताया कि बच्चे की मौत से ठीक पहले का दर्दनाक वीडियो वायरल है। अपनी गोद में बच्चे को बैठाए उसके पिता असहाय नज़र आ रहे हैं। डॉक्टर भी उनकी कोई मदद करने की स्थिति में नहीं थे। सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि देशभर में कुत्तों के हमले की घटनाएं बढ़ती है रही हैं लेकिन अलग-अलग हाईकोर्ट अलग-अलग आदेश दे रहे हैं।
जजों ने भी जताई चिंता
जस्टिस नरसिम्हा ने इस बात पर सहमति जताई कि पूरे देश में कुत्तों और दूसरे आवारा पशुओं के हमले मामले बढ़ते जा रहे हैं। चीफ जस्टिस ने भी बताया कि कुछ महीनों पहले उनके दफ्तर के एक लॉ क्लर्क पर कुत्तों ने कार पार्क करने के दौरान हमला कर दिया था। इस पर सॉलिसीटर जनरल ने एक और घटना का उल्लेख किया जिसमें कुत्तों ने नोच नोच कर एक बच्चे को जान से मार डाला था।
संज्ञान लेने की मांग
जिस मामले की सुनवाई के दौरान यह चर्चा हो रही थी,उस मामले में वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया बतौर एमिकस क्यूरी कोर्ट की सहायता कर रहे हैं। हंसारिया ने जजों से अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट को कुत्तों के काटने की घटनाओं पर स्वतःसंज्ञान लेकर सुनवाई शुरू करनी चाहिए। हालांकि,कोर्ट ने इस पर कोई आदेश नहीं दिया।