सत्य पाल मलिक के आरोपों पर एक्शन में CBI, देशभर में 14 ठिकानों पर की छापेमारी
श्रीनगर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गुरुवार को जम्मू,श्रीनगर,दिल्ली,मुंबई,उत्तर प्रदेश के नोएडा,केरल के तिरुवनंतपुरम और बिहार के दरभंगा में 14 स्थानों पर तलाशी ली।
मामले से परिचित लोगों ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जम्मू में एक वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी के आवास पर छापेमारी की। चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व अधिकारियों के आवासों और मुंबई, नई दिल्ली, बिहार और जम्मू में एक निर्माण कंपनी के परिसरों पर भी छापे मारे गए।
मामले के जानकारों ने कहा कि 9,000 करोड़ रुपये की चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (सीवीपीपीएल) के आवंटन में जम्मू-कश्मीर सरकार की शिकायत के बाद छापे मारे गए।
सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे, जिनमें वर्ष 2017-18 में एक निजी कंपनी को जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का कॉन्ट्रैक्ट देने और 60 करोड़ रुपये (लगभग) जारी करने में कदाचार के आरोप और वर्ष 2019 में एक निजी फर्म को किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों के लिए 2,200 करोड़ (लगभग) के कॉन्ट्रैक्ट देने के आरोप शामिल हैं।
सीवीपीपीएल एनएचपीसी लिमिटेड और जम्मू और कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (जेकेएसपीडीसी) का एक संयुक्त उद्यम है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हाल ही में आरोप लगाया था कि उन्हें दो फाइलों को क्लियर करने के लिए 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था। मलिक के आरोप के बाद,जम्मू-कश्मीर सरकार ने आरोपों की जांच के लिए सीबीआई से संपर्क किया था।
25 मार्च को,जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि मलिक ने आरोप लगाया था कि जब वह जम्मू-कश्मीर में तैनात थे, तब उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। उनके गंभीर दावों के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने मामले की जांच के लिए सीबीआई को लिखा था।
सिन्हा ने कहा था, ‘हम चाहते हैं कि सब कुछ स्पष्ट हो क्योंकि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने ऐसे आरोप लगाए हैं। जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।
मलिक ने पिछले साल 17 अक्टूबर को आरोप लगाया था कि उन्हें दो फाइलों को क्लियर करने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई थी। मलिक ने राजस्थान में एक समारोह में कहा था,“दो फाइलें मेरे विचार के लिए आई थीं। सचिवों में से एक ने मुझसे कहा कि अगर मैं इन्हें मंजूरी देता हूं,तो मुझे प्रत्येक के लिए ₹150 करोड़ मिल सकते हैं। मैंने यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि मैं कश्मीर में पांच कुर्ता पजामा लाया था और अभी उनके साथ ही वापस जाऊंगा। मैंने दोनों सौदे रद्द कर दिए। मैं जांच के लिए तैयार हूं।”
गुरुवार शाम जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार,सीबीआई ने कहा कि निजी कंपनियों और अन्य के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे,जिनमें तत्कालीन अध्यक्ष,तत्कालीन एमडी,सीवीपीपी के तत्कालीन निदेशक शामिल थे और लगभग 14 स्थानों पर तलाशी ली थी।