चंद्रयान-3 का काउंटडाउन शुरू,चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग होते ही भारत रच देगा इतिहास
नई दिल्ली। इसरो के मिशन चंद्रयान-3 का काउंटडाउन अब शुरू हो चुका है। 14 जुलाई को चंद्रयान-3 को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। अंतरिक्ष में भारतीय तिरंगा के लहराने का काउंटडाउन शुरू हो गया है।
लैंडिंग होते ही इस मामले में नंबर वन होगा भारत
अमेरिका रूस और चीन के क्लब में भारत की एंट्री
साउथ पोल पर उतारा जाएगा भारत का चंद्रयान-3
भारत का चंद्रयान आसमान में तिरंगा लहराने के लिए तैयार है। बस कुछ घंटों की देरी है और फिर चांद पर दिखेगा भारत का जलवा। दुनिया में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी मिशन को चांद के साउथ पोल में उतारा जा रहा है। 10 चरणों में चंद्रयान-3 की लैंडिंग चंद्रमा पर की जाएगी।
चांद पर स्पेसक्राफ्ट भेजने वाले देशों में भारत भी अब शामिल होने वाला है। इससे पहले चांद पर स्पेसक्राफ्ट भेजने वाले देशों में अमेरिका, रूस और चीन शामिल है। चांद पर किसी यान की लैंडिंग की भारत की ये दूसरी कोशिश है।
चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को यहां लॉन्च किया जाएगा और इसकी लैंडिंग चांद पर 23 या फिर 24 अगस्त को हो सकती है।
चंद्रयान-3 की ये है खास बातें-
चंद्रमा के साउथ पोल में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला मिशन होगा चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 की लैंडिंग की अवधि 1 चंद्र दिवस है, जो धरती पर 14 दिनों के बराबर है
चंद्रयान-3 को फेल्योर बेस्ड डिजाइन पर फोकस करके तैयार किया गया
चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (LM), एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) और एक रोवर शामिल है
चंद्रयान-3 के लॉन्च के लिए GSLV-Mk III का इस्तेमाल किया जाएगा
चंद्रयान-3 कुल 3900 KG का है, जिसमें LM 1752 KG, PM 2148 KG और 26 KG का रोवर शामिल है
चांद पर स्पेसक्राफ्ट भेजने वाला चौथा देश बनेगा भारत
बता दें, चंद्रयान-3 में शामिल लैंडर मॉड्यूल (LM), एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) और एक रोवर का उद्देश्य अंतरग्रही मिशनों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और प्रदर्शित करना है।
इसरो चंद्रयान-3 को साउथ पोल पर लैंड करवाने वाला है। इससे पहले किसी भी देश ने साउथ पोल पर अपने यान को लैंड कराने की हिम्मत नहीं की। यहां तक कि चीन का चांग ई-4 यान, जो चंद्रमा के दूर वाले हिस्से पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान बन गया था, वो भी 45 डिग्री अक्षांश के पास उतरा था। वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की उम्मीद है। अगर यह मिशन सफल होता है, तो ये दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट-लैंड करने वाला दुनिया का पहला मिशन बन जाएगा।