मणिकर्णिका घाट पर होंगे बदलाव, शवदाह के लिए लागू होगी टोकन प्रणाली
वाराणसी | महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर गंदगी और बहते सीवर का प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है। मोक्ष तीर्थ की दुर्दशा पर चिंता जताते हुए वहां बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के साथ बेहतर व्यवस्था करने का जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है। इसके बाद यहां बड़े स्तर पर बदलाव और सुधार का खाका खींचा गया है। इसमें नगर निगम महाश्मशान से बड़े-बड़े लकड़ी टालों को हटवाएगा।
लकड़ी की बिक्री में कीमत की मनमानी रोकेगा। इसके लिए मूल्य निर्धारण किया जाएगा ताकि कम से कम पैसे में लोगों को शवदाह के लिए लकड़ी मिल सके। खास यह कि शवदाह के लिए एक बार फिर पुरानी टोकन प्रणाली को लागू किया जाएगा। इससे मृतक के शवदाह के बाद उसके परिजन को तत्काल मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे संबंधितजन को न तो इंतजार करना होगा और न ही कहीं कतार लगना होगा।
सफाई के लिए तैनात होंगे कर्मचारी
नगर निगम की ओर से रोजाना एक सफाई निरीक्षक के नेतृत्व में 10-12 कर्मचारियों की तैनाती वहां की जाएगी ताकि 24 घंटे सफाई व्यवस्था बनाए रखी जा सके। शवदाह के दौरान छोड़े गए कपड़े, टिख्ती, रस्सी व राख आदि की तत्काल सफाई की जा सकेगी।
बाल मुड़वाने वाले स्थल से बिरला भवन तक में अराजकता
मणिकर्णिका घाट पर एक सप्ताह पहले आई पीएमओ की टीम को सिर मुड़वाने वाले स्थल से लेकर बिरला भवन तक में अव्यवस्था दिखी। पहले बिरला भवन श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लिए दिया गया था, लेकिन बाद में श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद ने नगर निगम को उसे सुविधा विस्तार के लिए वापस दे दिया। उसमें बनाए गए शौचालय आदि अब क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अब उसे भी ठीक कराया जाएगा।