कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने मोदी पर जमकर हमला बोला
नई दिल्ली | कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर अंदाज में पूछा कि उन्हें अपने शासनकाल में किए गए कामों के आधार पर वोट मांगने के बजाय मतदाताओं की सहानुभूति लेने के लिए ‘विक्टिम कार्ड’ फेंकने की जरूरत क्यों आन पड़ी है। कन्हैया ने प्रधानमंत्री की उस शिकायत का हवाला दिया कि उन्हें हर दिन विपक्ष की गाली झेलनी पड़ती है।
कन्हैया कुमार ने कहा, “क्या इस देश में गांधी को गोली मिली है।” फिर प्रधानमंत्री ऐसा विलाप क्यों कर रहे हैं। एक दिन पहले ही शनिवार को पीएम मोदी ने तेलंगाना की एक सभा में कहा था कि उन्हें रोज विपक्ष से दो-तीन किलो गालियां मिलती हैं। लेकिन भगवान ने उन्हें उस गाली को सकारात्मक ऊर्जा में बदलने की शक्ति दी है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “यह एक बोगस प्रवचन है; मोदी लोगों के जनादेश का सम्मान करने के बजाय विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष गाली दे तो क्या फर्क पड़ता है? जनता ने उन्हें वोट दिया है। एक बार नहीं, दो बार। उन्हें लोगों को यह बताना चाहिए कि उन्होंने उनसे किए गए वादों को पूरा क्यों नहीं किया।
कांग्रेस पार्टी पीएम मोदी के इस दावे को विधानसभा चुनावों के संदर्भ में सहानुभूति हासिल करने की एक हताश कोशिश के तौर पर देख रही है। पीएम मोदी की ‘गाली’ वाले कमेंट के घंटों बाद तक हिमाचल प्रदेश में मतदान जारी रहा, जहां उनकी पार्टी मजबूत सत्ता-विरोधी लहर और बागियों का विरोध झेल रही थी।
2017 के गुजरात चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी ने विक्टिम कार्ड फंका था, जब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने उन्हें कथित तौर पर नीच कहा था। पीएम मोदी और बीजेपी ने इसे पूरे गुजरात का अपमान बताया था और चुनावों के आखिरी चरण में कांग्रेस के खिलाफ हवा बनाने में इसका इस्तेमाल किया था। गुजरात में अगले महीने यानी दिसंबर में दो चरणों (1 दिसंबर और 5 दिसंबर) में वोट डाले जाएंगे।
कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, ‘आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्या मजबूरी है कि उन्हें गुजरात चुनाव के दौरान बार-बार विक्टिम कार्ड खेलना पड़ रहा है? उन्हें तो इस ‘अमृत काल’ में सुशासन के लिए साहसपूर्वक वोट मांगने में सक्षम होना चाहिए था। हमें नहीं पता कि वह अपने अच्छे काम के बारे में बात क्यों नहीं कर पा रहे और अंतत: विक्टिम कार्ड! क्यों चल रहे हैं।”