सात मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस को मिली जीत
नई दिल्ली | कांग्रेस को मिली नौ सीटों में से सात मुस्लिम बाहुल्य इलाके से हैं। विधानसभा चुनाव के विपरीत एमसीडी चुनाव में दिल्ली का मुस्लिम वोटर आप के साथ लामबंद नहीं हो सका। जानकार इसकी बड़ी वजह मुख्यमंत्री केजरीवाल के सॉफ्ट हिंदुत्व में देख रहे हैं। मुस्लिम समुदाय को लगता है कि केजरीवाल ने उनके हक में जाने वाले मसलों से जुड़ाव जाहिर नहीं किया। इन इलाकों में चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे बहुत से वीडियो वायरल किए गए, जिसमें वह हिंदुत्व की वकालत करते हुए दिखाए गए। इसके अलावा उत्तर-पूर्वी में वर्ष 2020 में हुए दंगों के बाद आम आदमी पार्टी के रुख से मुसलमान खासे नाराज थे।
चुनाव की घोषणा होने के बाद ही मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर आम आदमी पार्टी के खिलाफ आवाजें उठने लगी थीं। सोशल मीडिया पर कोविड के दौरान मरकज मामले पर पार्टी के रुख की बात की जाने लगी थी। कई वायरल वीडियो में केजरीवाल मरकज में आए कोविड के केसों की अलग से चर्चा करते दिखे। इन वीडियो को वायरल किया गया। इसके अलावा सीएए-एनआरसी के समय पार्टी के मौन रहने को भी खूब कैश किया गया।
इन सब मुद्दों की वजह से मुस्लिम मतदाताओं ने आप को वोट नहीं दिया। कांग्रेस की नौ सीटों में आया नगर और निहाल विहार वार्ड को छोड़कर बाकी सभी वार्ड बृजपुरी, मुस्तफाबाद, कबीर नगर, शास्त्री पार्क, चौहान बांगर, जाकिर नगर और अबुल फजल एंक्लेव मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं। जानकारों का कहना है कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए मुस्लिम मतदाताओं के पास आप या कांग्रेस ही विकल्प हैं। इन कारणों के बाद इन सात सीटों पर मुसलमानों ने कांग्रेस का चुनाव किया।
कांग्रेस ने यहां मारी बाजी
- वार्ड-245 (बृजपुरी) कांग्रेस : नाजिया खातून-9639
- आप : आफरीन खान-7521
- वार्ड-243 (मुस्तफाबाद) कांग्रेस : सबीला बेगम-14921
- एआईएमआईएम : सरवरी बेगम-8339
- वार्ड-234 (कबीर नगर) कांग्रेस : जरीफ-12885, आप : साजिद-8790
- वार्ड नंबर-213 (शास्त्री पार्क) कांग्रेस : समीर अहमद-12503
- आप : आदित्य चौधरी-9454
- वार्ड नंबर-227 (चौहान बांगर) कांग्रेस : शगुफ्ता चौधरी जुबैर-21131, आप: आसमा बेगम-5938
- वार्ड नंबर-189 (जाकिर नगर) कांग्रेस : नाजिया दानिश-16878 आप : सलमा खान-16405
- वार्ड-188 (अबुल फजल एंक्लेव) कांग्रेस : अरीबा खान-16554
- आप : वाजिद खान-15075
दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकी कांग्रेस
पिछले निगम चुनाव की तुलना में कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब 10% कम हो गया। तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकी। महज नौ सीटों पर जीत मिली। करारी शिकस्त के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नए सिरे से हार के कारणों पर मंथन शुरू कर दिया है।
कांग्रेस के पास एमसीडी चुनाव का एक अच्छा मौका था। परिणाम पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने जनता के फैसले को स्वीकारते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोपरि है।