PM Modi के Telangana दौरे से पहले लगे विवादित पोस्टर,छिड़ी तीखी बहस

PM Modi के Telangana दौरे से पहले लगे विवादित पोस्टर,छिड़ी तीखी बहस
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तेलंगाना यात्रा से कुछ घंटे पहले रामागुंडम में उनके खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर के जरिए तेलंगाना से किए गए वादों की ‘विफलता’ को लेकर पीएम मोदी पर सवाल उठाए गए हैं।

पोस्टरों पर अब विवाद छिड़ गया है और बीजेपी का कहना है कि ‘पीएम मोदी के दौरे वाले दिन ऐसी हरकतें नहीं होनी चाहिए’। वही दूसरी ओर, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने दावा किया है कि केवल केंद्र द्वारा किए गए ‘विफल वादों’ पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

इससे पहले, तेलंगाना के रामागुंडम में लोगों द्वारा ‘नो एंट्री’ का पोस्टर लगाया गया था। पोस्टर कथित तौर पर तेलंगाना चेन्नई यूथ फोर्स द्वारा लगाया गया था जिसमें पीएम मोदी से हथकरघा उत्पादों पर 5 प्रतिशत जीएसटी वापस लेने की मांग की गई।

पोस्टर विवाद को लेकर BJP और TRS में तीखी बहस
तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली TRS सरकार लगातार केंद्र पर राज्य के लिए पर्याप्त नहीं करने का आरोप लगाती रही है। पीएम मोदी की तेलंगाना यात्रा से पहले लगाए गए विवादास्पद पोस्टरों को लेकर भी दोनों दलों के बीच तीखी बहस छिड़ गई।

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए तेलंगाना बीजेपी के एन वी सुभाष ने कहा, “यह तीसरी बार है जब पीएम मोदी तेलंगाना का दौरा करेंगे। ज्यादा फंड लेने के बजाय, मुख्यमंत्री जानबूझकर पीएम के साथ आमने-सामने बात करने से बचते हैं। तेलंगाना में बाकी के राजनीतिक दल भी उसी रास्ते पर हैं।”

वही पोस्टर वॉर को लेकर उन्होंने कहा- “पोस्टर लगाना खराब बात है जो केवल मीडिया अटेंशन के लिए लगाए गए हैं। तेलंगाना में लगभग 18,000 करोड़ रुपये विकास के लिए भेजे जाएंगे। राज्य के लोग कह रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री के उदासीन रवैए के कारण विकास से वंचित हैं।”

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इस बीच, TRS के कृष्णक मन्ने ने कहा, “अगर बीजेपी इतना उन पोस्टरों से दुखी है तो पीएम मोदी को तेलंगाना में सारे वादों को पूरा करना चाहिए। तेलंगाना के रामागुंडम में लोग आज सचमुच में डरे हुए हैं क्योंकि पीएम मोदी ऐसी जमीन पर आ रहे हैं जहां भारत सरकार ने कोयला खदानों को नीलामी के लिए रखा था। और कर्मचारी बहुत चिंतित हैं। वे महीनों से विरोध कर रहे हैं।”

फिर मन्ने को जवाब देते हुए एन वी सुभाष ने कहा कि “सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड 51:49 इक्विटी के साथ तेलंगाना सरकार और केंद्र के संयुक्त रूप से स्वामित्व वाली एक राज्य संचालित कोयला खनन कंपनी है। केंद्र राज्य सरकार की सहमति के बिना नहीं बेच सकती है।”


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