दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई सौतेली बेटी, कोर्ट ने सुनाई 40 साल जेल की सजा
इडुक्की | केरल की एक अदालत ने 15 साल की सौतेली बेटी के साथ साल 2017 में दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने के जुर्म में एक व्यक्ति को कुल 40 साल कैद की सजा सुनाई है। हालांकि, सभी सजाएं एक साथ चलने की वजह से वो 10 साल बाद जेल से रिहा हो जाएगा। इडुक्की फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश टीजी वर्गीस ने मंगलवार को 41 वर्षीय शख्स को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत सजा सुनाई। कुल मिलाकर अलग-अलग धाराओं के तहत 40 साल जेल की सजा दी गई है।
वैज्ञानिक आधार पर ठहरायाल गया दोषी
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) शिजो मोन जोसेफ ने कहा कि अलग-अलग जेल की सजा एक साथ पूरी करनी होगी। दोषी को केवल 10 साल कैद की सजा काटनी होगी। अभियोजक ने कहा कि दोषी ने सौतेली बेटी को गर्भपात के लिए भी मजबूर किया। साथ ही मुकदमे के दौरान पीड़िता और उसकी मां मुकर गई। आरोपी को वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर दोषी ठहराया गया।
पुनर्वास के लिए पीड़िता को मिलेंगे 50 हजार रुपए
अदालत ने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को पीड़िता के पुनर्वास के लिए 50,000 रुपये देने का निर्देश दिया। अभियोजक ने कहा कि अपराध साल 2017 में POCSO अधिनियम में संशोधन से पहले हुआ था। लिहाजा, दोषी को अपनी सौतेली बेटी से दुष्कर्म करने और गंभीर यौन हमले के अपराधों के लिए केवल 10 साल की सजा दी गई थी। उन्होंने कहा कि 2019 में अधिनियम में संशोधन के बाद इन अपराधों में न्यूनतम 20 साल की सजा का प्रावधान है।