20 साल का स्टूडेंट जो था भारत का भविष्य,बाथरूम में लटका मिला शव
केरल। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वायनाड में केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के एक छात्र की हाल में हुई मौत के संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ। एम आर शशिंद्रन को शनिवार को निलंबित कर दिया।
खान ने निलंबन आदेश में कहा कि प्रोफेसर शशिंद्रन द्वारा दी गई रिपोर्ट 18 फरवरी को 20 वर्षीय सिद्धार्थन की मौत से जुड़े घटनाक्रम के दौरान ‘कुलपति की ओर से कर्तव्यों में घोर लापरवाही का प्रमाण’ है।
राज्यपाल ने जांच के आदेश दिए
राज्यपाल ने कहा, ‘इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पृष्ठभूमि में कुलपति का उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति उदासीन, लापरवाह और संवेदनहीन रवैया 28 फरवरी की रिपोर्ट से उजागर होता है।’उन्होंने छात्र की मौत की न्यायिक जांच के भी आदेश दिए।
राज्यपाल ने हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी मौजूदा या रिटायर्ड जज से जांच कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ‘केरल उच्च न्यायालय के महापंजीयक से उचित अनुरोध किया जाएगा।’
छात्र का शव
पशु चिकित्सा विज्ञान व पशुपालन संकाय का स्नातक द्वितीय वर्ष का छात्र 18 फरवरी को अपने हॉस्टल के बाथरूम में फंदे से लटका मिला था। उसके माता-पिता ने दावा किया है कि कॉलेज में पढ़ने वाले उसके कुछ अन्य सहपाठियों ने उन्हें बताया है कि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कुछ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके बेटे की पिटाई की थी।
छात्र के पिता ने लगाए गंभीर आरोप
छात्र के पिता ने दावा किया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनके बेटे के शरीर पर चोटों के निशान थे और पेट खाली था, जिससे संकेत मिलता है कि उसकी बुरी तरह पिटाई की गई और उसे खाना नहीं खाने दिया गया।
पुलिस ने पहले अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था और बाद में भारतीय दंड संहिता (भादंसं) और केरल रैगिंग निषेध अधिनियम के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने और खतरनाक हथियारों या साधनों से जानबूझकर नुकसान पहुंचाने समेत विभिन्न अपराधों में 12 छात्रों पर मामला दर्ज किया। बाद में आरोपियों की संख्या बढ़कर 18 हो गई। शुक्रवार शाम तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
छात्र के माता-पिता के दावों के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई एसएफआई पर छात्र की पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया। वहीं, एसएफआई ने इन आरोपों से इनकार किया है।
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