कर्ज में डूबे पाकिस्तान की टूटी कमर,वर्ल्ड बैंक ने दिया तगड़ा झटका

कर्ज में डूबे पाकिस्तान की टूटी कमर,वर्ल्ड बैंक ने दिया तगड़ा झटका
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नई दिल्ली। पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। महंगाई चरम सीमा पर है और भूखमरी की कगार पर आ गया है। भूखमरी और महंगाई के दर्द से अभी तक उभरे भी ना थे कि अब वर्ल्ड बैंक ने एक और झटका दे दिया है। विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की वजह से पाकिस्तान अब कुछ भी आयात करने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को एक और चोट दे दिया है।

World Bank ने पाकिस्तान की ग्रोथ रेट में कटोती की है। विश्व बैंक ने पाकिस्तान की ग्रोथ रेट को 2 फीसदी से घटाकर अब 0.4 फीसदी कर दिया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार विश्व बैंक ने कहा है कि पाक के आर्थिक झटकों की वजह से देश में गरीबी की स्थिति बन गई है। वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को विदेशी कर्ज की व्यवस्था करने की सलाह भी दी है।

देश में कमाई के सबसे बड़े उम्मीदों में से एक कपास ने भी उसे धोखा दे दिया। पाकिस्तान में 2023 में घरेलू कपास प्रोडक्शन घटकर 4 दशक में सबसे निचले स्तर पर चला गया है। इस बार पाकिस्तान में कपास का प्रोडक्शन केवल 4.9 मिलियन नॉट हुआ है। इससे देश के आर्थिक संकट की चुनौती और बढ़ गई है।

पाकिस्तानी समाचार एजेंसी डॉन के अनुसार, जिनिंग डेटा से पता चला है कि कपास की फसल में पिछले साल 7.44 मिलियन नॉट की तुलना में इस साल 34 प्रतिशत की भारी कमी आई। इसका मुख्य कारण सिंध और दक्षिणी पंजाब में विनाशकारी गर्मी के सीजन में आई बाढ़ है, जहां यह इंडस्ट्रियल फसल सबसे ज्यादा उगाई जाती है।

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आयात के लिए मजबूर हुई पाकिस्तानी कपड़ा इंडस्ट्री
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के सिंध में कपास के प्रोडक्शन में 46 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं पंजाब में 32 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। जिससे कपड़ा उद्योग को बड़ी मात्रा में आयात करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस सीजन में अधिकांश फसल नुकसान बाढ़ के कारण हुआ।

डॉन के अनुसार, 2004-05 में 11.1 मिलियन नॉट के हाई लेवल को छूने के बाद, पिछले कुछ दशकों में लगातार गिरते प्रोडक्शन के कारण पाकिस्तान की कपास इकोनॉमी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 10.6 मीटर नॉट्स का सबसे हालिया प्रोडक्शन स्पाइक लगभग 10 साल पहले 2014 में देखा गया था। इस बीच, इसकी तुलना में, दुनिया में कहीं और वैश्विक उत्पादन, विशेष रूप से भारत में, तेजी से रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ रहा है।


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