बिहार का DNA…रेवंत रेड्डी पर बीजेपी ने कांग्रेस को फंसाया,क्या कहेंगे नीतीश बाबू?
नई दिल्ली। जिस व्यक्ति को आप तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनाने की सोचते हैं उनका बयान है कि तेलंगाना का डीएनए बिहार के डीएनए से बेहतर है। इस बयान पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी जी की मुहर लगी है क्या?… जब से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री बनने जा रहे रेवंत रेड्डी का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है, मुख्य विपक्षी दल में खलबली मच गई है। दरअसल, हाल में हुए पांच राज्यों के चुनाव में केवल तेलंगाना से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर आई। वहां अब कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारी में जुटी है। इससे पहले ठाकुर ने रेड्डी के डीएनए वाले बयान की चर्चा छेड़कर कांग्रेस को असहज करने की कोशिश की है।
कांग्रेस के लिए यहां दोहरी चुनौती है। उसे न सिर्फ अपने सीएम कैंडिडेट का बचाव करते हुए तेलंगाना की सियासत का नया चैप्टर लिखना है बल्कि आने वाले आम चुनाव 2024 के लिए I.N.D.I.A गठबंधन के दोस्तों से भी रिश्ते बनाकर रखने हैं। वैसे भी जब से विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हैं, सबकुछ ठीक ठाक नहीं लग रहा है। आज यानी 6 दिसंबर को होने वाली महाजुटान स्थगित करनी पड़ी। नीतीश कुमार समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने अलग-अलग कारण बताते हुए मना कर दिया था। कांग्रेस आलाकमान को यह टेंशन जरूर होगी कि अब कुछ भी ऐसा न हो जिससे उसका बना बनाया ‘इंडिया’ वाला कुनबा बिखर जाए।
चुनाव से पहले एक इंटरव्यू में रेवंत रेड्डी ने कहा था कि उनका डीएनए तेलंगाना वाला है जबकि केसीआर (पूर्व मुख्यमंत्री) का डीएनए बिहार का है। रेड्डी ने आगे यह भी कह दिया कि उनका डीएनए केसीआर के डीएनए से बेहतर है। दरअसल, KCR मूल रूप से बिहार के कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं और उनके परिवार ने तेलंगाना पलायन किया था। रेड्डी ने विरोधी नेता के सामने खुद को ‘बीस’ बताने की कोशिश की थी। शायद वह कहना चाह रहे होंगे कि वह प्रदेश को केसीआर की तुलना में बेहतर नेतृत्व देंगे। लेकिन यह कहते हुए उन्होंने बिहार के डीएनए वाली बात कह दी। अब इसे बिहार का अपमान कहा जा रहा है।
यह उत्तर भारतीयों का अपमान है… कांग्रेस की सोच देश को बांटने वाली है। भारत और भारतीयों को नीचा दिखाने में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
दुविधा में तो नीतीश भी होंगे
हां,नीतीश कुमार के लिए डीएनए विवाद नया नहीं है। कुछ साल पहले 2015 में पीएम मोदी ने डीएनए पर कुछ ऐसा कहा था कि नीतीश कुमार ने खुला खत लिख दिया। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कही गई मोदी की बात को बिहार के स्वाभिमान से कनेक्ट कर दिया था। एक रैली में नीतीश ने कहा था कि किसके डीएनए की बात कर रहे हैं? मैं कौन हूं? ये बिहार के डीएनए पर उंगली उठाई गई है…। बताते हैं बिहार के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने डीएनए जांच के लिए अपने नाखून और बाल के नमूने पीएमओ भेजने शुरू कर दिए थे। खुले खत में नीतीश ने कहा था कि मोदी जी, आपने जो बयान दिया है उससे बिहार और यहां के लोगों के सम्मान को धक्का पहुंचा है।
अब सहयोगी दल के रेड्डी ऐसा बोल गए तो नीतीश कुमार क्या कहेंगे? हां उनके लिए भी परीक्षा की घड़ी है। बिहार के सम्मान की बात करते हुए कांग्रेस के सीएम प्रोजेक्ट किए गए नेता रेड्डी की आलोचना करेंगे या फिर गठबंधन धर्म निभाएंगे? कांग्रेस के साथ-साथ नीतीश बाबू भी भाजपा के इस अटैक का तोड़ ढूंढ रहे होंगे।