मौत के मांझे का तांडव,लगातार दर्जनों घायल

मौत के मांझे का तांडव,लगातार दर्जनों घायल
ख़बर को शेयर करे

वाराणसी (जनवार्ता)। शहर में प्रतिबंधित चाइनीज मांझा का इस्तेमाल पतंग की डोर में देखा जा रहा है और कमिश्नरेट पुलिस कहती है कि मांझा किसी ने बेचा तो उसकी खैर नहीं और लोगों से अपील किया है कि वह भी 112 पर मांझा बेचने वाले दुकानदार के बारे में सूचना दे। ताकि उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सकें। लेकिन इस अपील का कोई फर्क नहीं। यह अपील मात्र एक कोरम पूरा करने वाला दिखाई देता है। पुलिस सूत्रों की माने तो बड़े मगरमच्छ यानी होलसेल दुकानदार दिसंबर में ही चाइनीज मांझा को बेचकर खाली हो चुके हैं। अब यह फरमान मात्र एक खानापूर्ति है और कुछ भी नही। मकर संक्रांति नजदीक आते ही लगातार राहगीर मांझे की चपेट में आने लगे है। जिससे वह जख्मी हो रहे हैं बावजूद इसके संबंधित विभाग के जिम्मेदार कान में तेल डालें मस्त होकर अपने कार्यालयों में बैठे हुए हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि मांझा हर मोहल्ले, गली एवं सड़कों पर खुलेआम बेचा जा रहा है। जहाँ कुछ दुकान के पास पुलिस थाना, चौकी एवं पुलिस पिकेट होने के बावजूद भी यह धंधा फल फूल रहा है लेकिन कार्रवाई के नाम पर मात्र खानापूर्ति होता था, होता है और होता ही रहेगा। इस मांझे ने बुधवार को डीएवी कॉलेज के छात्र आदित्य रस्तोगी को घायल कर दिया। जिसका उपचार कबीरचौरा स्थित मण्डलीय अस्पताल में चल रहा है। खोजवां निवासी लालू,अजय भी चाइनीज मांझा के चपेट में आ गए। जिससे उनका पैर जख्मी हो गया। राहगीरों की मदद से घायलों का उपचार एक निजी अस्पताल में हुआ। मंडुवाडीह लहरतारा मार्ग पर चार राहगीर पप्पू,मनोज,सन्तोष, विकास जख्मी हो गए। इन घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से एक निजी डॉक्टर क्लीनिक में उपचार हुआ। इसी तरह राहगीर घायल होने के साथ साथ मौत तक देखी जा चुकी है। अगर खुद की सुरक्षा करना है तो लोगों को घरों में कैदियों की तरह रहना होगा। क्योंकि घर के बाहर निकलने पर चारो ओर मौत ही मौत है और ना जाने कब और किधर से मौत का मांझा अपनी चपेट में ले लें।

इसे भी पढ़े   टेकऑफ के दौरान प्लेन क्रैश,विमान में सवार 19 में से 18 की मौत

ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *