आज से खोला गया डीवीएम एक्सप्रेस
नई दिल्ली | दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के दौसा (राजस्थान) तक के भाग पर आज यानी बुधवार सुबह आठ बजे से आम वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। वाहनों की टोल दर मंगलवार रात से ही लागू हो गई है। सिस्टम अपडेट करने के बाद सुबह आठ बजे से वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के (एनएचएआइ) के परियोजना निदेशक (सोहना) मुदित गर्ग ने बताया कुछ जगहों पर कमी थी उन्हें पूरा कर लिया गया। एक्सप्रेस-वे पर बाइक, ट्रैक्टर-ट्रॉली तथा घोड़ा और बैलगाड़ी पर प्रतिबंध रहेगा। तय सीमा से अधिक तेज वाहन चलाने पर आनलाइन चालान होगा।
कार की गति 120, बस तथा ट्रक की 100 तथा छोटे वाहनों की गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। इनका कहना है कि अब औद्योगिक माल की ढुलाई में गतिशीलता आएगी और यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से पहुंच जाएंगे। अभी जहां दौसा तक औद्योगिक माल की ढुलाई करने वाले वाहनों को पहले पांच घंटे से अधिक लगते हैं अब वह लगभग चार घंटे में ही पहुंच जाएगा।
यात्रा समय में बचत के साथ वायु प्रदूषण भी होगा कम
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि मुंबई का सफर इस एक्सप्रेस-वे पर शुरू हो जो जाएगा तो औद्योगिक माल ढुलाई का काम अत्यंत आसान हो जाएगा। इससे ट्रांसपोर्टरों को ईंधन की बचत भी होगी और वायु प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी।ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि जहां अभी तक गुरुग्राम से मुंबई तक औद्योगिक माल की ढुलाई में पांच दिन का समय कामर्शियल वाहनों को लगता है अब वह तीन दिन में अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर के विशेषज्ञ प्रदीप मोदी का कहना है कि यदि हाइवे और एक्सप्रेस-वे बनता है तो इसका लाभ हर किसी को मिलता है। ट्रांसपोर्ट के माध्यम से ही हर प्रकार के उत्पादन देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचाया जाता है। इनका कहना है कि निश्चित रूप औद्योगिक और कृषि आदि से संबंधित उत्पाद आसानी से मुंबई और गुजरात सी-पोर्ट तक पहुंच जाएंगे।
उद्यमी हरीश वत्स का कहना है कि औद्योगिक दृष्टि से इस एक्सप्रेस-वे का बड़ा महत्व है। उद्यमियों को ट्रांसपोर्ट पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ता है। इस एक्सप्रेस-वे के कारण दिल्ली-मुंबई से अलवर, दौसा, जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत सहित अन्य शहरों की दूरी कम होगी।
ट्रांसपोर्टर से संबंधित लागत में आएगी बड़ी गिरावट
गुड़गांव ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एचएस शर्मा ने बताया कि डीवीएम एक्सप्रेस-वे जब पूरी तरह से बन जाएगा तो औद्योगिक माल ढुलाई में लगने वाला समय कम हो जाएगा। वहीं ट्रांसपोर्टर से संबंधित लागत में भी बड़ी गिरावट आएगी। फिलहाल अभी दौसा तक का सफर आसान हुआ है। गुरुग्राम में औद्योगिक सहित अन्य प्रकार के माल की ढुलाई करने वाले बड़े कामर्शियल वाहनों की संख्या लगभग सवा लाख है।