मदद के लिए कीचड़ में ही उतर पड़ीं,शादी के दिन भी नहीं ली छुट्टी
नई दिल्ली। स्टेडियम में खिलाड़ियों को घर भेजकर कुत्ता घुमाना वाले IAS दंपती को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये पर सवाल किए जा रहे हैं। लेकिन इस बीच, IAS कमिश्नर कीर्ति जल्ली की मिसाल भी दी जा रही है कि सभी अफसर एक से नहीं होते हैं।
असल में, कीर्ति जल्ली असम के कछार जिले की डिप्टी कमिश्नर हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाके में कीचड़ में घुम-घुमकर पीड़ितों की मदद करते हुए उनकी तस्वीर वायरल है। जिसमें वह साड़ी बांधकर लोगों की मदद के लिए निकल पड़ी हैं। कहीं नाव में सवार नजर आ रही हैं। इन्हीं तस्वीरों सोशल मीडिया यूजर्स शेयर कर रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान ही उन्होंने शादी की थी लेकिन छुट्टी नहीं ली थी।
कीर्ति जल्ली की एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें वे नाव में बाढ़ प्रभावित हालातों का जायजा लेने जा रही हैं। वे बताती हैं कि लोकल लोगों का कहना है कि बीते 50 वर्षों से ही वो इसी तरह से बाढ़ से परेशान होते चले आ रहे हैं। ऐसे में बतौर अधिकारी वो अपने काम को बेहतरी से करने के लिए ग्राउंड पर उतरी हैं। आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने उनकी एक फोटो को शेयर किया है। इस फोटो में वो एक स्थानीय महिला के साथ खड़ी हैं।
जल्ली कहती हैं कि लोकल समस्याओं का आकलन करने के लिए निचले इलाकों का दौरा करना जरूरी है। तभी सरकार को भविष्य के लिए बेहतर कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी। सबसे पहले गांव की सुरक्षा और बेहतरी को लेकर काम करना होगा ताकि भविष्य में नुकसान को कम किया जा सके। कछार जिले के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, इस साल 291 गांवों में 163,000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। कछार में 11,200 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 5,915 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं।
कीर्ति जल्ली अपने काम को लेकर बहुत ज्यादा समर्पित हैं। कोरोना संकट के समय उनकी शादी तय हुई थी। लेकिन उन्होंने लोगों की मदद के लिए छुट्टी पर जाने से मना कर दिया। जल्ली ने अपने परिवार और दोस्तों से कहा कि वह अपनी शादी के लिए हैदराबाद नहीं जा सकेंगी। इसलिए आईएएस ने सिलचर में बहुत ही सिंपल तरीके से शादी की। शादी के बाद उनके पति आदित्य शशिकांत ने अपनी पत्नी की पोस्टिंग की जगह पर जाने का फैसला किया।
अपनी शादी के बाद वो कोरोना पेशेंट का हालचाल लेने पहुंच गई थीं। उन्होंने अपने परिवार वालों को बताया कि उनको कोविड पेशेंट की जिम्मेदारी दी गयी है। अस्पताल में कोविड पेशेंट के लिए ICU वार्ड के निर्माण कार्य की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में वे अपनी ड्यूटी से पीछे नहीं हट सकतीं। न ही छुट्टी ले सकती हैं। उस समय हॉस्पिटल में हर दिन 100 पेशेंट रोज आ रहे थे। ऐसे में छुट्टी लेकर परिवार के साथ जाकर अपने सिलचर के बंगले में जाकर शादी करना संभव नहीं है। उनके इस फैसले का उनके परिवार के लोगों ने भी सम्मान किया।
जल्ली और शशीकांत की शादी सिंपल तरीके से हुई थी, जिसमें सिर्फ कर्नाटक संगीत बज रहा था। इस शादी में कपल ने लाइट और टेंट लगाने से साफ परहेज किया था। शादी में बमुश्किल 15 मेहमान थे। इस शादी में जल्ली की तरफ से सिर्फ उनकी बहन थीं। उनके माता-पिता का रिपोर्ट पॉजिटिव आया था और वे इलाज करा रहे थे। परिवार के 800 लोग zoom call के जरिए शादी में शामिल हुए थे।
कीर्ति जल्ली जब जोरहाट के टिटाबोर में उप मंडल अधिकारी के रूप में तैनात थीं, उस समय उन्होंने काफी चुनाव प्रचार किया जिसके लिए उन्हें 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया गया था।