काशी में आज पहली बार 100 फिट की बटुक भैरव की प्रतिमा के दर्शन करेंगे श्रद्धालु
वाराणसी | वाराणसी में पहली बार 100 फीट की बटुक भैरव की प्रतिमा के दर्शन होंगे। चेन्नई से आज यह प्रतिमा बनारस पहुंचेगी और इसको नरिया स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान के प्रांगण में स्थापित किया जाएगा। नौ नवंबर से 16 नवंबर तक होने वाले अष्ट दिवसीय काशी कोतवाल कालभैरव उत्सव में श्रद्धालु यज्ञ, हवन और प्रवचन के साथ ही सुरगंगा में भी डुबकी लगाएंगे।
तमिलनाडु के कृष्णा गिरी पीठ के पीठाधीश्वर डॉ. बसंत विजय महाराज ने रविवार को नरिया स्थित शोध संस्थान में प्रेसवार्ता में बताया कि काशी के कोतवाल की नगरी में भैरवाष्टमी के दिन काशीवासी एक लाख आठ हजार कामना पूरक भैरव मूर्तियों का पूजन करेंगे। निर्माण नौ नवंबर से गंगा की मिट्टी से आरंभ होगा।
हर दिन 13 हजार पांच सौ भैरव की मूर्तियां निर्मित होंगी और 16 नवंबर को एक लाख आठ हजार भैरव का एक लाख आठ हजार दीपक, नैवेद्य, पुष्प से पूजन किया जाएगा। भैरवाष्टमी पर पहली बार काशी में भैरव दीपावली काशी की जनता मनाएगी। आयोजन पूर्ण होने के बाद बटुक भैरव और भैरव की एक लाख आठ हजार पार्थिव प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।
भैरव तंत्रोक्त के अनुसार यज्ञ स्थल पर आठ दिशाओं में नौ-नौ फीट के अष्ट भैरव स्थापित होंगे और मंच पर स्वर्णाकर्षण भैरव विराजमान होंगे। गृहस्थों के लिए भैरव का शांत और सपत्नीक स्वरूप स्थापित किया जा रहा है। काशीवासियों के लिए आयोजन स्थल पर राजशाही भंडारे का भी प्रबंध किया गया है।
काशी कोतवाल भैरव उत्सव की पहली संध्या में नौ नवंबर को हर-हर शंभू फेम अभिलिप्सा पंडा, 10 नवंबर को हेमंत बृजवासी, 12 नवंबर को हंसराज रघुवंशी, 14 नवंबर को मैथिली ठाकुर, 15 नवंबर को उस्मान मीर और 16 नवंबर को कैलाश पीयूषा की संगीतमय प्रस्तुतियां होंगी। 11 नवंबर को नाट्य मंचन तथा 13 नवंबर को अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, डॉ. हरिओम पवार, अरूण जैमिनी, शशिकांयादव, शंभू शिखर व गौरव शर्मा अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे।