बिजली कर्मचारियों के जीपीएफ और पीएफ घोटाले के आरोपी 7 दिन की सीबीआई रिमांड पर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के पीएफ घोटाले में नया मोड़ आया है। सीबीआई की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत ने डीएचएफएल के कपिल वधावन और धीरज वधावन को 7 दिन पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने गुरुवार को रिमांड पर जाने का आदेश जारी किया।
यूपीपीसीएल में कर्मचारियों के जीपीएफ और पीएफ के पैसे गलत तरीके से डीएचएफएल में लगाने का आरोप है। इसमें 2,267 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसकी सीबीआई जांच चल रही है। कोर्ट ने अब सीबीआई की अर्जी पर आदेश जारी किया है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस रिमांड अवधि 26 मई की साय 3.30 से दो जून की साय 3.30 तक प्रभावी होगी। इस दौरान सीबीआई आरोपियों से पूछताछ कर सकेगी। सीबीआई ने रिमांड अर्जी में कहा है कि आरोपियों को रिमांड पर लेकर इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के अलावा उन माध्यम की जानकारी करनी है,जिसके जरिए पैसा निवेश किया गया था।
सीबीआई की ओर से कहा गया है कि दोनों आरोपियों से यह भी जानकारी की जानी है कि 4122.7 करोड़ रुपए के निवेश से किसे लाभ हुआ। साजिश में कौन लोग शामिल हैं और शामिल लोगों का आरोपियों से आमना सामना कराना है।
बचाव पक्ष ने कहा आधी धन राशि की उगाही हो चुकी है
इस मामले में बचाव पक्ष की तरफ से भी दलील दी गई। बचाव पक्ष की ओर से सीबीआई की अर्जी का विरोध करते हुए वकील प्रांशु अग्रवाल ने कहा कि डीएचएफएल में जो धनराशि निवेश की गई है,उसकी आधी धनराशि की अदायगी की जा चुकी है। आरोपी शेष धनराशि की अदायगी करने को तैयार हैं। हालांकि, इसके बाद सीबीआई की तरफ से फिर अपनी बात रखी गई।
सीबीआई की ओर से कहा गया कि इस मामले की शुरुआती जांच में पता चला था कि कर्मचारियों के भविष्यनिधि का कुल 2631. 20 करोड़ की राशि का दुरुपयोग किया गया है। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के बावजूद आरोपियों ने भविष्यनिधि के धन को डीएचएफएल में निवेश करके करोड़ों की कमीशन खोरी की गई है।