मदरसे में मदद के लिए बदहवास घुसे गुरनाम सिंह,और फिर हो गया….
नई दिल्ली। पुलिस इंस्पेक्टर गुरनाम सिंह की सूझबूझ से कम से कम 5 लोगों की जान बच गई। शुक्रवार राजधानी के आजाद मार्केट में बिल्डिंग गिरने के बाद वहां से लोगों को निकालना आसान नहीं था। तंग गलियां होने के कारण क्रेन मौके पर नहीं पहुंच पा रही थी। मलबा हाथ से ही हटाया जा रहा था लेकिन लोग कम थे। इंस्पेक्टर गुरनाम सिंह पास के मदरसे में भागकर गए और और मौलवी से अपने छात्रों को इस काम में मदद करने का अनुरोध किया। कुछ ही देर में 40-60 युवाओं ने मौके पर मानव श्रृंखला बना ली थी। लड़कों ने खुद को समूहों में विभाजित किया, एक पीड़ितों की ओर खुदाई कर रहा था, दूसरा मलबे को हटा रहा था और तीसरा गली में लोगों की आवाजाही को नियंत्रित कर रहा था।
सोमवार को इससे जुड़ा एक वीडियो सामने आया जिसमें बचाव कार्य में लगे लड़के दिख रहे हैं। गुरनाम सिह ने इन लड़कों की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब जान जोखिम में थी, लड़कों ने बचाव कार्य में मदद करने के लिए निस्वार्थ काम किया। ऐसे मुश्किल समय में जल्द फैसला करना और तत्काल सहायता देने की कोशिश होती है। पुलिस की मुस्तैदी और छात्रों के सहयोग वहां फंसे लोगों को निकालने में मदद मिली। इस काम में मदद के लिए छात्रों की तारीफ होनी चाहिए।
गुरनाम सिंह ने मदरसे में जाकर मांगी मदद
गुरनाम सिंह को जब यह लगा कि यह काम मुश्किल है तब उन्होंने मौलवी महमूद हसन से मस्जिद में मुलाकात की। वह 30-40 छात्रों को पढ़ा रहे थे। जैसे ही उन्होंने मदद के लिए मेरा अनुरोध सुना, उन्होंने अपना सारा काम छोड़ दिया। अपने छात्रों के साथ वह हादसे वाली जगह पर पहुंचे और राहत कार्य में सभी जुट गए। तंग गलियों, तारों के मकड़जाल से फायर ब्रिगेड और दूसरी एजेंसियों की टीम को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। रेस्क्यू ऑपरेशन में इन छात्रों ने मदद की।
क्रेन जाने का रास्ता नहीं,बस एक ही विकल्प
52 वर्षीय गुरनाम सिंह जब मौके पर पहुंचे तब उन्होंने देखा कि तंग गलियों से दमकल या क्रेन का पहुंचना मुश्किल है। गुरनाम सिंह ने कहा जब मैं वहां पहुंचा मैंने वहां फंसे हुए लोगों की चीखें सुनीं। मलबा भारी था और हमारे पास लोग नहीं थे। दमकल और क्रेन मौके पर नहीं पहुंच सकीं, तभी मदरसा देखकर मैं वहां मदद के लिए पहुंचा। मदद मैंने मांगी और मदद मिली।
कई दिनों से चल रहा था बिल्डिंग में काम
शुक्रवार दिल्ली के आजाद मार्केट में जो बिल्डिंग गिरी उसमें काम कई दिनों से चल रहा था। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि इस बिल्डिंग को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि हादसा हो सकता है। बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से का वजन ज्यादा हो गया था और नीचे का हिस्सा इसे सह नहीं पाया। पूरी बिल्डिंग नीचे गिर गई।