कांग्रेस में कैसे हो गए इतने ताकतवर? कभी रहे PS और पार्टी के दूत
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान देने के लिए हाल ही में रायपुर जाने से पहले कांग्रेस मीडिया एंड पब्लिक डिपार्टमेंट के चैयरमैन पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि,बाद में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने के बाद उनको राहत मिली और छोड़ दिया गया। असम समेत कई राज्यों में पवन खेड़ा के खिलाफ इस मामले में केस दर्ज किया गया था। असम पुलिस पवन खेड़ा की ट्रांजिट रिमांड मांग रही थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेताओं ने एयरपोर्ट पर ही धरना दिया था। इसके अलावा कांग्रेस की तरफ से तुरंत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई और सुनवाई के बाद पवन खेड़ा को राहत मिली। जान लें कि पवन खेड़ा कभी तत्कालीन दिल्ली सीएम शीला दीक्षित के पीएस थे। अन्ना आंदोलन के दौरान वह कांग्रेस के दूत बने,लेकिन पार्टी में पवन खेड़ा इतने ताकतवर कैसे हो गए,आइए जानते हैं।
किसने कराई कांग्रेस में एंट्री?
बता दें कि पवन खेड़ा की कांग्रेस में एंट्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने कराई थी। दोनों गहरे दोस्त हैं। 1998 में पवन खेड़ा को शीला दीक्षित का सचिव बनाया गया था और अगले 15 साल तक यानी 2013 तक वो इस पद पर रहे। 2008 के दिल्ली चुनाव में पवन खेड़ा को रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी और इस चुनाव में कांग्रेस को तीसरी बार सफलता मिली थी। तब से पवन खेड़ा काफी चर्चा में आ गए थे।
जब बने कांग्रेस के दूत
इसके अलावा जब अन्ना आंदोलन की वजह से तत्कालीन कांग्रेस सरकारी की मुश्किलें बढ़ गई थीं, तब सरकार की तरफ से प्रणव मुखर्जी ने पवन खेड़ा को ही दूत बनाकर भेजा था। माना जाता है कि टीम अन्ना और तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के बीच बात कराने में पवन खेड़ा ने अहम रोल निभाया था।
कब बने आधिकारिक प्रवक्ता?
गौरतलब है कि साल 2013 में पवन खेड़ा को पार्टी की तरफ से पक्ष रखने के लिए मीडिया में भेजा जाने लगा। तब से लगातार वो चर्चा में रहे। फिर साल 2018 में पवन खेड़ा को कांग्रेस का आधिकारिक प्रवक्ता बनाया गया। हालांकि, जब 2022 में पवन खेड़ा को राज्यसभा नहीं भेजा गया था तो उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई।
फिर,पिछले साल अक्टूबर में पवन खेड़ा को कांग्रेस के मीडिया एंड पब्लिसिटी डिपार्टमेंट की अहम जिम्मेदारी दी गई और उनको विभाग का चेयरमैन बना दिया गया। अभी रायपुर में जारी कांग्रेस अधिवेशन में वो ड्राफ्ट कमेटी के सदस्य भी हैं।